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उत्तराखंड

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का उत्तराखंड दौरा 22 जून को

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, 22 जून को उत्तराखंड दौरा, सुबह 9.55 बजे केदारनाथ दर्शन

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, 22 जून को उत्तराखंड दौरा, सुबह 9.55 बजे केदारनाथ दर्शन

pranab mukherjee

देहरादून। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 22 जून को उत्तराखंड आयेंगे। इस बारे में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सोमवार को सचिवालय में सम्बंधित अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक की। उन्होंने फूलप्रूफ इंतजाम करने के निर्देश दिए। राष्ट्रपति जाॅलीग्रांट एयरपोर्ट से सीधे केदारनाथ धाम जायेंगे।

सुबह 9.55 बजे केदारनाथ दर्शन के बाद वापस देहरादून आ जायेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 12.50 अपराह्न से 06 बजे तक राजभवन में विश्राम करने के बाद दिल्ली वापस चले जायेंगे।

जाॅलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर राष्ट्रपति की अगवानी राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मेयर देहरादून, मुख्य सचिव, डीजीपी करेंगे। बैठक में सभी तरह की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

केदारनाथ में मौसम खराब होने की स्थिति में गौचर में एयरक्राफ्ट उतारा जायेगा। केदारनाथ और गौचर में जरूरी दवाओं के साथ डाक्टरों की एक टीम भी मौजूद रहेगी। दोनों जगह 05 केवीए के अतिरिक्त जेनसेट की व्यवस्था की जोयगी। सुरक्षा के लिहाज से सभी जरूरी इंतजाम समय से कर लिये जायेंगे।

बैठक में डीजीपी एमए गणपति, प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पवांर, एडीजी अनिल रतूड़ी, अशोक कुमार, सचिव स्वास्थ्य डाॅ. भूपिंदर कौर औलख, कमिश्नर गढ़वाल सीएस नपलच्याल, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, डीएम रुद्रप्रयाग राघव लंघर, एसएसपी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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