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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 6 फीसदी से अधिक तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में 6 फीसदी से अधिक तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में 6 फीसदी से अधिक तेजी

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह छह फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 6.44 फीसदी यानी 1492.18 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,646.48 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 6.48 फीसदी यानी 455.6 अंकों की तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। भारतीय स्टेट बैंक (20.58 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (19.29 फीसदी), टाटा स्टील (16.08 फीसदी), टाटा मोटर्स (13.68 फीसदी) और भेल (12.78 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स चार शेयरों ओएनजीसी (6.51 फीसदी), सन फार्मा (1.59 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (0.94 फीसदी) और हिंदुस्तान यूनिलीवर (0.24 फीसदी) में गिरावट रही।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गत सप्ताह करीब 7 फीसदी तेजी रही। मिडकैप 6.81 फीसदी या 652.16 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 7.65 फीसदी या 730.52 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सोमवार 29 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश किया। दीर्घ अवधि पूंजीगत लाभ कर में बदलाव बदलाव नहीं किए जाने, अवसंरचना क्षेत्र पर विशेष जोर और वित्तीय घाटा कम करने की योजना पर सरकार के टिके रहने का निवेशकों ने बाजार में लिवाली बढ़ाकर स्वागत किया।

बजट में विकल्प सौदे पर एसटीटी की दर को 0.017 फीसदी से बढ़ाकर 0.05 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है। सालाना 10 लाख रुपये से अधिक लाभांश पाने वालों पर 10 फीसदी कर का प्रावधान किया गया है। लाभांश देने वाली कंपनियों पहले की तरह लाभांश वितरण कर देती रहेंगी।

सरकार ने आगामी वर्ष के लिए अवसंरचना क्षेत्र का आवंटन 22.5 फीसदी बढ़ाकर 2.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। बजट में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटा 3.9 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है और आगामी वित्त वर्ष के लिए इसे 3.5 फीसदी पर रखने का प्रस्ताव रखा है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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