तदर्थ आप लोगों को बताया गया कि तीन तत्व अनाद्यनन्त शाश्वत हैं- ब्रह्म, जीव, माया। इनमें जीव और माया, ये दोनों भगवान् की शक्ति हैं। उसमें...
एक क्षण को कोई अकर्मा नहीं रह सकता। इसीलिये उसी आनन्द प्राप्ति के लिये प्रतिक्षण प्रयत्न करना पड़ेगा और हम लोग करते हैं। लेकिन अनन्त जन्मों...
नहीं नहीं, ये संसार का जो आनन्द होता है ये जड़ होता है। भगवान् का आनन्द तो आनन्द ही भगवान् है। अब बोलो, भगवान् जड़ है?...
जैसे कोई घोर कामी घोर कामिनी स्त्री के आलिंगन के बाद दोनों बेहोश हो जायें, इतना सुख मिले। ऐसा होता वोता तो नहीं होगा। लेकिन अगर...
तो ये तीन चीजें भगवान् की कृपा से मिलती हैं। अगर महापुरुष मिल भी जाय और मुमुक्षुत्व नहीं है, प्यास नहीं है, भूख नहीं है, संसार...
मुण्डकोपनिषद् कहता है कि फिर यहां आकर, देवयोनि गई, तो मानवयोनि भी नहीं मिलेगी, हीन योनियों में हम डाल दिये जायेंगे। शंकराचार्य ने भी माना- दुर्लभं...
ऐ मनुष्यों! ये तुम्हारा शरीर समस्त शरीरों में सर्वश्रेष्ठ है। इसलिये इस शरीर को पाकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लो। अर्थात् ये जान लो ‘मैं’ कौन?...
प्रवचन- 50 चेतो दर्पणमार्जनं भवमहादावाग्नि निर्वापणम् , श्रेयः कैरवचन्द्रिका वितरणं विद्यावधूजीवनम्। आनन्दाम्बुधिवर्धनं प्रतिपदं पूर्णामृतास्वादनम् , सर्वात्मस्नपनं परं विजयते श्रीकृष्णसंकीर्तनम्।। नमः पङ्कजनाभाय नमः पङ्कजमालिने। नमः पङ्कजनेत्राय नमस्ते...
उसने कहा कि देखो भगवान् शंकर जिनकी रिद्धि सिद्धि नौकरानी हैं वो बेचारे नंगे रहते हैं, उनको कपड़ा नहीं मिलता पहनने को, कहीं जंगल वंगल में...
श्रीकृष्ण हैं परात्पर। जो मैंने बताया था न अद्वय ज्ञान तत्त्व- गोविन्दान्मृत्युर्बिभेति। (गोपालपूर्वतापिन्युपनिषद् -3) श्रीकृष्ण से मृत्यु डरती है। जिसके लिये वेद कहता है- भयादस्याग्निस्तपति भयात्...