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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान को वित्तीय सहायता देगा अमेरिका

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वाशिंगटन| अमेरिका ने युद्ध के बाद अफगानिस्तान की विशाल सेना को कम से कम 2017 तक वित्तीय सहायता मुहैया कराने और देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 80 करोड़ डॉलर तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का वादा किया है। समाचार एजेंसी ‘एफे’ के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ व्हाइट हाउस में प्रस्तावित बैठक से एक दिन पहले सोमवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर के साथ बातचीत की थी।

मैरीलैंड के कैंप डेविड में राष्ट्रपति विश्राम स्थल में अयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इन चारों अधिकारियों ने लगभग 14 साल तक चले युद्ध और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की सरकार के अंतिम चरण में उत्पन्न तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित किया। पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति बनने के बाद गनी का यह पहला अमेरिका दौरा है। अमेरिका दौरे के दौरान सर्वप्रथम गनी रक्षा मंत्रालय गए, जहां उन्होंने अफगानिस्तान में 2001 से तैनात अमेरिकी सैनिकों के बलिदान के प्रति आभार व्यक्त किया। गनी ने अफगानिस्तान की जनता की ओर से अमेरिकी सैनिकों का धन्यवाद किया।

केरी और कार्टर के साथ दिन भर चली वार्ता के दौरान अमेरिका सरकार ने कम से कम 2017 तक अफगानिस्तान के 352,000 सैन्यकर्मियों के लिए आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता जताई। केरी ने अफगानिस्तान में सुधारों के लिए दोनों देशों के बीच साझेदारी को पुनर्जीवित करने, विकास गतिविधियों को बढ़ाने और अफगानी संस्थाओं के स्थायित्व और उनकी वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 80 करोड़ डॉलर तक का अनुदान देने की भी घोषणा की। हालांकि वार्ता के दौरान अफगानिस्तान में बाकी बची सेना को वापस बुलाने से संबंधित मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। गनी ने कहा कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की संख्या पर किसी तरह की चर्चा में शामिल नहीं होंगे।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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