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जीएसटी विधेयक लोकसभा में पेश

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नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को पूरे देश में एक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू किए जाने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 को लोकसभा में पेश किए जाने का विपक्ष ने यह कह कर विरोध किया कि चूंकि इसके कुछ प्रावधानों को बदला गया है, इसलिए इसे संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाए।

जेटली ने हालांकि कहा कि उन्होंने पहले भी 19 दिसंबर, 2014 को इसे लोकसभा में पेश किया था और सदस्यों से अपील की कि इस पर विचार कर इसे पारित करें। उन्होंने कहा, “देश की प्रगति बाधित करने का किसी के पास कोई विशेषाधिकार नहीं है।” विधेयक पर अगले सप्ताह बहस होगी। सरकार नई कर व्यवस्था को अगले कारोबारी साल से लागू करना चाहती है। जेटली ने कहा कि नई व्यवस्था से मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की विसंगतियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य और केंद्र दोनों के लिए फायदे का है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अभी राज्यों को सेवा कर में कोई हिस्सा नहीं मिलता। यह पूरा का पूरा केंद्र के पास चला जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत राज्यों को भी सेवा कर में एक हिस्सा मिलेगा।”

मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत हर फैसले के लिए विधेयक में प्रस्तावित नए आयोग की 70 फीसदी बहुमत से मंजूरी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि यह सहयोगात्मक संघवाद का एक उदाहरण होगा। संविधान में संशोधन के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित कराने की जरूरत होती है। साथ ही उसके बाद कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं द्वारा भी इसे पारित कराना होता है। उसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। नई व्यवस्था के तहत वसूले गए कर में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी संसद द्वारा मंजूर किए गए एक फार्मूले के तहत होगी, जिसकी सिफारिश नए कानून द्वारा स्थापित जीएसटी आयोग करेगा।

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महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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