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उत्तराखंड

योगी से मिले त्रिवेंद्र, विवादों की ‘गांठ’ सुलझाने की दिशा में बढ़े कदम

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देहरादून/लखनऊ। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से यहां मुलाकात की। यह दोनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की पहली मुलाकात है। एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात 40 मिनट से ज्यादा समय तक चली। बैठक शिष्टाचार भेंट से आगे रही और मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने विवादास्पद संपत्तियों के बंटवारे के साथ गंभीर मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने आशा जताई कि पड़ोसी राज्यों में भाजपा की सरकार होने से इस गतिरोध को जल्द से जल्द हल किया जाएगा।

प्रदेश की राजधानी के दो दिवसीय दौरे पर आए रावत ने कहा कि वह बहुत आशावादी हैं कि दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चल रहे मुद्दों को जल्द सुलझा लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश और पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के बीच अभी तक सुलझाए जाने वाले मुद्दे सिंचाई विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज और औद्योगिक विकास से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश के पास अभी भी दो अतिथि गृह, 36 सिंचाई नहरें, 214 हेक्टेयर भूमि और 266 घरों पर कब्जा बना हुआ है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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