अन्तर्राष्ट्रीय
राज राजेश्वरी न्यूयॉर्क की पहली भारतवंशी जज
वाशिंगटन | चेन्नई में जन्मीं राज राजेश्वरी न्यूयॉर्क शहर स्थित अपराध संबंधी मुकदमों की अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गईं। इस पद पर आसीन होने वाली वह पहली भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं। वह सिर्फ 16 वर्ष की उम्र में अमेरिका आई थीं।
राजेश्वरी (43) रिचमंड काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉनी के कार्यालय में सहायक जिला अटॉर्नी है। उन्हें मंगलवार को इस पद के लिए महापौर बिल डे बलेसियो ने मनोनीत किया था। न्यूज वेबसाइठ ‘सिलिव डॉट कॉम’ से राजेश्वरी ने कहा, “यह एक सपने की तरह है। यह मेरी कल्पना से भी बहुत आगे है।” “मुझ जैसी प्रवासी जो भारत से यहां आकर बसी, उसके लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। मैं कृतज्ञ हूं। मैंने महापौर को भी बताया था कि यह मेरा सिर्फ अमेरिकी सपना नहीं है। बल्कि यह एक दूर देश की एक अन्य लड़की के लिए भी प्रेरणादायी है कि हां ऐसा भी संभव है। ” राजेश्वरी जिला अटॉर्नी कार्यालय में पिछले 16 साल से कार्यरत हैं। उन्होंने जिला अटॉर्नी कार्यालय में विशेष पीड़ित इकाई में उपप्रमुख के रूप में चार साल से अधिक समय तक सेवाएं दीं।
वेबसाइट के मुताबिक, राजेश्वरी प्रवासियों को अधिक सहायता देने के लिए दुभाषियों को प्रोत्साहित कर न्यायिक प्रणाली में सुधार के लिए अपने पद का सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए आश्वस्त हैं। राजेश्वरी ने पत्रिका ‘देसी टॉक’ को बताया कि उन्होंने अमेरिका आने से पहले लिंग असमानता देखी है। भारत में उनकी कुछ महिला दोस्तों की 14-15 साल की उम्र में ही शादी कर दी गई थी।
न्यूयॉर्क में अभियोग वकील के रूप में उन्होंने न्यूयॉर्क में दक्षिण एशियाई समुदाय के वैवाहिक और बाल उत्पीड़न के कई मामले देखे हैं। इस पर राजेश्वरी कहती हैं, “अधिकांश घरेलू हिंसा पीड़ित दक्षिण एशिया और श्रीलंका से ताल्लुक रखती हैं।” समाचारपत्र ‘न्यू इंडिया टाइम्स’ के मुताबिक, मौजूदा समय में सिविल अदालतों में भारतीय मूल के दो पुरुष न्यायाधीश हैं, जिनमें ब्रॉन्क्स काउंटी के न्यूयॉर्क सिटी हाउसिंग कोर्ट में जय माधवन और न्यूयॉर्क काउंटी सर्वोच्च न्यायालय में अनिल सी. सिंह शामिल हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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