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प्रादेशिक

शिवपाल ने किया बलिया मे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण

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शिवपाल सिंह यादव, बलिया मे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण, राहत एवं बचाव कार्य

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शिवपाल सिंह यादव, बलिया मे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण, राहत एवं बचाव कार्य

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लखनऊ। प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, जल संसाधन, सहकारिता, परती भूमि विकास, राजस्व, अभाव सहायता पुनर्वास एवं लोक सेवा प्रबन्धन विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बाढ़ की गम्भीर स्थिति को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य को युद्धस्तर पर करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए धन की कमी नही होगी। बाढ़ में घिरे लोगों को सबसे पहले राहत सामग्री पहुंचे। मंत्री ने बलिया में कमिश्नर आजमगढ मण्डल को कैम्प करने और मण्डल स्तरीय अधिकारियों को भी राहत कार्य में लग जाने का निर्देश दिया।

सिंचाई मंत्री शिवपाल गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार, बलिया में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य हेतु की गयी एवं की जा रही समस्त व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को 20 किग्रा आटा, 20 किग्रा चावल, 04 किग्रा दाल, 05 ली. मिट्टी तेल, 15 किग्रा आलू तथा नमक, साबुन के अलावा पशुओं के लिए भूसा/चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

शिवपाल ने कम से कम 15 दिन का राशन आदि सामग्री पीडित परिवारों को पहुंचाने का निर्देश दिया। सिंचाई मंत्री ने ग्राम प्रधानों के माध्यम से भोजन बनवाकर पीड़ित परिवारों को पहुंचाने का निर्देश डीपीआरओ को दिया। उन्होंने लेखपालों से सूची लेकर चारा पहुंचाने को कहा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां राहत कैम्प लगे हैं, वहां पर पीड़ित परिवारों को पेयजल की भी मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सिंचाई मंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी अधिकारियों को राहत सामग्री के वितरण में लगायें। यह भी कहा कि जो अधिकारी लापरवाही बरतें, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने पशुओं के लिए 15 दिन का भूसा का प्रबन्ध करने को कहा। साथ ही राहत कार्य में पुलिस को भी लगाने को कहा।

शिवपाल ने बाढ़ से घिरे गांवों में छोटी-छोटी मेडिकल टीम बनाकर आवश्यक दवा आदि का वितरण कराने का निर्देश सीएमओ को दिया। शिवपाल ने इस बात पर विशेष बल दिया कि आटा, चावल, दाल, सब्जी, नमक, साबुन, मिट्टी तेल तथा पशुओं के लिए चारा आदि पीड़ित लोगों तक अवश्य पहुंच जाय। कुछ अधिकारियों ने इस दैवीय आपदा में भी लेखपालों के हड़ताल पर जाने की बात कही। सिंचाई मंत्री ने कहा कि लेखपाल हड़ताल नही कर सकते। प्रदेश सरकार द्वारा हड़ताल पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। बैठक में सबसे पहले जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने नदियों के जलस्तर, प्रभावित गांवों, तहसील, जनसंख्या एवं राहत एवं बचाव कार्य की पूरी जानकारी दी। चीफ इंजिनियर सिंचाई ने संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के किये गये उपायों की जानकारी दी। कहा कि 20 जगह पानी के रिसाव को रोक दिया गया है। सीएमओ डा पीके सिंह ने चिकित्सा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ चैकियों में फागिंग, डाक्टर, दवा आदि की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा पर्याप्त मेडिकल टीम को भी सक्रिय कर दिया गया है। चार मोबाइल मेडिकल टीम लगी है।

डीपीआरओ ने बताया कि प्रधानों को भोजन बनवाकर वितरण कराने का निर्देश दिया गया है। जल निगम के अधिशासी अभियंता ने पेयजल व्यवस्था तथा जिला पूर्ति अधिकारी ने मिट्टी तेल व डीजल पेट्रोल आदि के व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने राहत एवं बचाव कार्य की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी के प्रयास की सराहना की। पूर्व मंत्री अम्बिका चैधरी, विधायक जयप्रकाश अंचल ने भी राहत एवं बचाव कार्य के बारे में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा, पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चैधरी, अपर जिलाधिकारी मनोज सिंघल, मुख्य राजस्व अधिकारी बी.राम सहित मुख्य अभियंता लोनिवि आजमगढ़ राजीव रतन सिंह, चीफ इंजिनियर सिंचाई गण्डक गोरखपुर आरपी यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी गण मौजूद थे।

बैठक से पूर्व सिंचाई मंत्री शिवपाल ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और उसके बाद अधिकारियों के साथ बैठक करके राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ की स्थिति बहुत गम्भीर है। इस साल गंगा नदी में उम्मीद से अधिक बाढ़ आयी है। बलिया में करीब दो लाख लोग प्रभावित है। इसके अलावा पशु भी प्रभावित हुए है। उन्होंने बताया कि राहत कार्य में कोई कमी नही आएगी। लेखपाल से लेकर उपर तक के अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिया गया है। प्रत्येक परिवार तक राहत सामग्री पहुंचेगा। सिंचाई मंत्री ने कहा कि इस दैवीय आपदा में जनप्रतिनिधि एवं समाज के लोग पीड़ितों की मदद करेंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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