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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र में बेहतर रायशुमारी का भारत का आह्वान

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संयुक्त राष्ट्र | भारतीय सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भागीदार देशों के बीच बेहतर तालमेल का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना अभियानों में भारत सबसे बड़ा सहयोगी है।

सुहाग ने यहां शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के रक्षा प्रमुखों के प्रथम सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र अभियानों में सैन्य सहयोग दे रहे देशों के बीच आपसी तालमेल के अभाव पर भारत की चिंता जाहिर की। भारत पहले भी इस तथ्य पर ध्यान दिलाता रहा है कि सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अनदेखी की है। संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना प्रयासों में भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सुहाग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में भारत की 180,000 से अधिक सैन्य टुकड़ियां योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति के मौलिक सिद्धातों का पालन करता रहेगा, जो निष्पक्षता, सामरिक संघर्षो पर पक्षों की सहमति और आत्मरक्षा व जनादेश की रक्षा के लिए बल प्रयोग शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा 16 अभियानों में से 12 अभियानों में भारत के 8,145 सैन्यकर्मी कार्यरत हैं। ऐतिहासिक रूप से, संयुक्त राष्ट्र के 69 शांति अभियानों में से 43 अभियानों में भारत की फौजों ने हिस्सा लिया है, जिसमें से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 156 सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं। इस सम्मेलन में 108 देशों के रक्षा प्रमुखों ने हिस्सा लिया। यह विश्व के शीर्ष सैन्य प्रमुखों की एक बड़ी बैठक थी। सम्मेलन के अंत में शांति अभियानों के उपमहासचिव हर्व लैडसस ने कहा कि रक्षा प्रमुख इस विषय पर बेहतर स्पष्टता चाहते हैं। सम्मेलन के शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के 16 शांति अभियानों में 130,000 से अधिक सैन्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और नागरिकों की तैनाती के साथ यह इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती है।”

उन्होंने कहा, “इसे शांति अभियानों के लिए एक सशक्त अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी से जोड़ा जाना चाहिए। यह एक वैश्विक साझा उत्तरदायित्व है, जिससे विश्व के सामान्य हित लाभन्वित होते हैं।” बान ने कहा, “पिछले दो दशकों के दौरान सुरक्षा परिषद ने शांतिदूतों को अत्यधिक चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां दी है।” इस सम्मेलन में शांतिदूतों के समक्ष विरोधियों के बढ़ रहे तमाम खतरों का मुद्दा भी उठा। लैडसस के मुताबिक, इन खतरों से निपटने के लिए रक्षा प्रमुखों को स्थानीय लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने पर जोर देना होगा।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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