बिजनेस
स्पेक्ट्रम नीलामी से बढ़ सकती हैं कॉल दरें
नई दिल्ली| दूरसंचार स्पेक्ट्रम की चार मार्च को होने वाली नीलामी में दूरसंचार कंपनियों को काफी ज्यादा धन खर्च करना पड़ सकता है और विशेषज्ञों के मुताबिक इसके परिणामस्वरूप कॉल और डाटा दरें बढ़ सकती हैं।
गार्टनर के प्रमुख शोध विश्लेषक ऋषि तेजपाल ने कहा, “जिन कंपनियों के लाइसेंस की परिपक्व ता अवधि पूरी हो रही है, वे अपने लाइसेंस बचाने के लिए बढ़चढ़ कर बोली लगाएंगे। भारती एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया सेल्युलर ने गत वर्ष हुई नीलामी में 1800 मेगाहट्र्ज परिपक्व होने वाले अपने लाइसेंसों में से कुछ को हासिल कर लिया है, फिर भी जिन सर्किलों में 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में उनके पास समुचित स्पेक्ट्रम नहीं है, उसमें समुचित स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए वे ऊंची बोली लगा सकती हैं।”
आगामी नीलामी में 800 मेगाहट्र्ज बैंड में 103.75 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 177.8 मेगाहट्र्ज और 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में 99.2 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम यानी 800, 900 और 1800 मेगाहट्र्ज बैंडों में कुल 380.75 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को रखा गया है। सरकार 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में भी पांच मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी, जिसका उपयोग कुल 22 में से 17 सर्किलों में 3जी के लिए किया जाता है।
800 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज का आधार मूल्य 3,646 करोड़ रुपये, 900 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज के लिए 3,980 करोड़ रुपये और 1800 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज के लिए आधार मूल्य 2,191 करोड़ रुपये रखा गया है।
सरकार ने 3जी के लिए भी प्रति मेगाहट्र्ज 3,705 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया है।
सरकार को इस नीलामी से 75 हजार से एक लाख करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है, जिसका भुगतान 10 साल में होना है।
दूरसंचार परामर्श कंपनी कम फर्स्ट के निदेशक महेश उप्पल ने आईएएनएस से कहा, “उद्योग को खुशी है कि नीलामी के बाद उनके पास अधिक स्पेक्ट्रम होंगे। उन्हें हालांकि स्पेक्ट्रम की कम उपलब्धता और ऊंचे आधार मूल्य को लेकर गहरी मायूसी है। नीलामी की आखिरी कीमत और भी ऊंची हो सकती है। कंपनी को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ सकती है।”
केपीएमजी एडवाइजरी सर्विसिस के साझेदार जयदीप घोष ने हालांकि कहा कि इसका प्रभाव उतना गहरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, “मेरे खयाल से स्पेक्ट्रम नवीनीकरण योजना के मुताबिक कंपनियों द्वारा कारोबारी योजना में जरूरी व्यवस्था कर ली गई है साथ ही भुगतान 10 साल में किया जाना है। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कंपनियों के लिए यह भारी खर्च होगा।”
दिसंबर 2015 में आईडिया सेल्युलर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के सात लाइसेंस, भारती एयरटेल के चार लाइसेंस, वोडाफोन के छह लाइसेंस 20 साल की परिपक्व ता अवधि पूरी कर लेंगे, जिसके बाद उनका नवीनीकरण किया जाना है।
तेजपाल के मुताबिक, “यदि रिलायंस जियो नीलामी में शिरकत करती है, तो वह 1800 मेगाहट्र्ज या 800 मेगाहट्र्ज बैंड में बोली लगा सकती है, जिसका उपयोग वह 4जी एलटीई प्रौद्योगिकी में कर सकती है।”
तेजपाल ने कहा, “इस नीलामी का आखिरी असर उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा। इसके कारण वायस और डाटा शुल्क बढ़ सकता है।”
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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