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‘हेल्थकेयर एट होम’ की सेवा अब पूरे हरियाणा में

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'हेल्थकेयर एट होम' की सेवा अब पूरे हरियाणा में

गुड़गांव| बर्मन परिवार (डाबर के प्रवर्तक) और हेल्थकेयर एट होम, ब्रिटेन के संस्थापकों के संयुक्त उद्यम हेल्थकेयर एट होम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचसीएएच) ने हरियाणा के कई शहरों में होम हेल्थकेयर सेवाओं का विस्तार किया है। चूंकि अपने घरों में ऐसी सेवाएं लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए भारत में यह श्रेणी काफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। एचसीएएच इंजेक्शन प्रबंधन, घावों की मरहम पट्टी, किराये पर और खरीदने के लिए चिकित्सकीय उपकरण, चिकित्सकीय परीक्षणों के लिए नमूने के संग्रह जैसी रोजाना की आधारभूत जरूरतों के साथ घर पर कीमोथेरेपी, घर पर आईसीयू, सर्जरी के बाद की देखभाल जैसी विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ सेवाओं जैसी विभिन्न सेवाएं मुहैया कराती हैं।

इस बारे में विवेक श्रीवास्तव, सीईओ एवं सह-संस्थापक, हेल्थकेयर एट होम इंडिया ने कहा, “हमारी स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी प्रणाली की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक खास तौर पर छोटे शहरों में आधुनिक अस्पतालों की कमी है। हेल्थकेयर एट होम इंडिया बेहतरीन उपकरणों, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले कुशल पेशेवर और मरीज के घर पर हर वक्त देखभाल जैसी सुविधाएं मुहैया कराकर इन शहरों के मरीजों को एक विकल्प उपलब्ध कराती है।”

एचसीएएच हरियाणा में अब गुड़गांव, फरीदाबाद, करनाल, समालखा, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और पानीपत में अपनी सेवाएं मुहैया कराती है। पिछले साल एचसीएएच ने पंजाब और राजस्थान में चंडीगढ़, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और अजमेर में अपनी सेवाओं का विस्तार किया।

घर तक पहुंचाई जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के लिए लाभदायक हैं क्योंकि ये प्रत्येक मरीज को विशेषज्ञ पेशेवरों द्वारा जरूरत के मुताबिक नियमों का ध्यान रखते हुए देखभाल मुहैया कराते हैं, जिससे मरीज की सेहत में सुधार में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है।

होम केयर सेवाओं का इस्तेमाल करना खर्च के लिहाज से बेहतर होने के साथ ही चिकित्सकीय परिणामों के ²ष्टिकोण से भी उपयुक्त हैं।

हेल्थकेयर एट होम इंडिया के कारोबार इकाई निदेशक डॉ. गौरव ठुकराल ने बताया, “भारत में घर पर मुहैया कराई जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कम है, लेकिन फिर भी धीरे-धीरे इनकी लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है। पूरे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एचसीएएच की सेवाएं उपलब्ध होने से लोगों के पास विश्वस्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं हासिल करने के अधिक विकल्प होंगे।”

उन्होंने बताया कि मरीजों के अलावा चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के लिए भी प्रीमियम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रोजगार पाने का एक बेहतर विकल्प होगा।

हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में अपनी सेवाओं का विस्तार करने से पहले वर्ष 2012 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तक एचसीएएच दिल्ली एनसीआर, जयपुर, चंडीगढ़, लुधियाना, अंबाला, मुंबई, अमृतसर, हैदराबाद बेंगलुरू, कोच्चि, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में तीन लाख से भी अधिक मरीजों तक अपनी सेवाएं पहुंचा चुकी है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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