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उप्र में गंगा व सहायक नदियां उफान पर, लाखों लोग प्रभावित

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उप्रगाजीपुर/बलियां/वाराणसी/इलाहाबाद| उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल सहित लगभग एक दर्जन जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में अभी भी वृद्घि जारी है। अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में जाने और सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है।

अधिकारियों के मुताबिक, कई जगहों पर वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री बांटने का काम जारी है। सेना की भी मदद ली जा रही है।

उप्र में इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, बलियां और चंदौली जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति बेहद खराब हो गई है। गाजीपुर में बाढ़ का आलम यह है कि जिलाधिकारी आवास में भी पानी भर गया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इंटरमीडिएट तक के स्कूलों को दो दिन तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।

गाजीपुर में सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन का दावा है कि प्रभावितों की पूरी मदद की जा रही है लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि उनका हाल जानने के लिये कोई अधिकारी गांवों तक नही पहुंच पा रहा है।

गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय खत्री के मुताबिक, प्रभावित गांवों में हर सम्भव मदद दी जा रही है। बाढ़ राहत चौकियों के माध्यम से गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। खत्री के मुताबिक हालांकि अभी लोगों को बाढ़ से राहत नही मिलेगी।

उध, बलिया में गंगा और घाघरा नदियां उफान पर हैं। दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। यहां स्थिति बेहद भयावह हो गई है। लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

जिलाधिकारी गोविंद एस राजू ने बताया कि बाढ़ की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है लेकिन प्रशासन उनकी पूरी मदद कर रहा है। लोगों की मदद के लिए सेना से भी संपर्क किया गया है। ताकि लोगों तक राहत सामग्री पहुंचायी जा सके।

बलियां में 50 से अधिक बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। जहां अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। जिलाधिकारी के मुताबिक आवश्यकता पड़ने पर चौकियों की संख्या में और इजाफा किया जाएगा।

गाजीपुर और बलियां के अलावा बनारस और उससे सटे चंदौली जिले में भी बाढ़ का कहर जारी है। बनारस में स्थिति काफी चिंताजनक है। रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है जिससे लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं। अस्सी घाट, बनारस सिटी, कैंट, नगवा, सामने घाट सहित कई इलाके पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं।

जिलाधिकारी विजय किरण आनंद स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। बाढ़ चौकियों की माध्यम से गश्त बढ़ा दी गयी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि गंगा के जलस्तर में जल्द ही कमी आयेगी और लोगों को राहत मिलेगी।

इस बीच, इलाहाबाद के शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का विकराल रूप बढ़ता जा रहा है। शहर में 30,000 और ग्रामीण इलाके में 50,000 से ज्यादा परिवार मुश्किल में फंसे हैं।

हालात को देखते हुए एयरफोर्स के हैलीकप्टर से यमुनापार इलाके में मुश्किल में फंसे देवरा, लोनीपार, इटवा और सतपुर इलाके में राहत सामग्री बांटी गई। इस इलाके का संपर्क चारों तरफ से कटा हुआ है।

जिलाधिकारी संजय कुमार ने मजिस्ट्रेटों की टीम के साथ पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य के लिए मैदान में उतार दिया है और नए राहत शिविर खुलवाने शुरू कर दिए।  शहर में करैलाबाग, गौस नगर, नेवादा, सलोरी, बघाडा, राजापुर समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी से पलायन शुरू हो गया।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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