Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

भोपाल गैस हादसा : 32वीं बरसी पर अमेरिकी झंडा जलाने का फैसला

Published

on

Loading

भोपाल गैस हादसा : 32वीं बरसी पर अमेरिकी झंडा जलाने का फैसलाभोपाल | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 32 वर्ष पूर्व हुए गैस हादसे के प्रभावितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले पांच संगठनों ने अमेरिकी सरकार के रवैये पर तीखा आक्रोश जाहिर करते हुए तीन दिसंबर को अमेरिकी झंडा जलाने का ऐलान किया है।

पीड़ितों के हक के लिए संघर्ष करने वाले भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा, डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों के संगठन ने बुधवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी सरकार और उसके रवैये की आलोचना की।

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी ने कहा, “अमेरिकी सरकार का यूनियन कार्बाइड व डाओ केमिकल को सरंक्षण है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षो में भोपाल जिला अदालत द्वारा डाओ केमिकल के अधीन रहे अधिकारी को अदालत में हाजिर होने के संबंध में चार नोटिस जारी किए गए और उन सभी नोटिसों की कंपनी द्वारा अवहेलना की गई।

अब यह कंपनी कानूनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए एक और अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी डुपोंट में विलय कर रही है।”

षडंगी ने कहा, “अमेरिकी सरकार के रवैये को लेकर गैस पीड़ितों में आक्रोश है, जिसके मद्देनजर हादसे की 32वीं बरसी के दिन तीन दिसंबर को अमेरिकी झंडा जलाया जाएगा।”

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, “पिछले 12 वर्षो में पीड़ितों और उनके बच्चों के इलाज तथा पुनर्वास के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति की एक भी अनुशंसा प्रदेश सरकार ने पूरी तरह लागू नहीं की।”

संवाददाता सम्मेलन में भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “भोपाल में भले ही 32 वर्ष पूर्व हादसा हुआ हो, मगर उसका प्रभाव आज भी बरकरार है और हादसे के बाद पैदा हुई पीढ़ियों पर बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनी के कीटनाशक कारखाने के जहर का असर हो रहा है।”

संगठनों ने कहा कि कंपनी द्वारा परित्यक्त कारखाना आज भी इंसानों की जान ले रहा है और उन्हें अपंग कर रहा है। उनका कहना था कि कारखाने का हजारों टन जहरीला कचरा जमीन के नीचे दबा देने की वजह से उसके आसपास का भूजल प्रदूषित हो रहा है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending