Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

करियर

UGC और AICTE का अस्तित्व होगा खत्म, HEERA लेगा इनकी जगह

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश के शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की कवायद जारी है। इसी के तहत मोदी सरकार यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) को समाप्त कर उनकी जगह एक हायर एजुकेशन रेग्युलेटर बनाने जा रही है। मोदी सरकार उच्च शिक्षा पर नजर रखने के लिए हाईयर एजूकेशन इम्पॉवरमेंट रेगुलेशन एजेंसी (HEERA) को लेकर के आ रही है। केंद्र सरकार के इस कदम से 61 साल पुराना यूजीसी खत्म हो जाएगा।

मानव संसाधन मंत्रालय और नीति आयोग HEERA एक्ट को लाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है जिसमें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और हायर एजुकेशन सचिव केके शर्मा सहित अन्य सदस्य शामिल हैं। ये सभी इस एक्ट के ब्लूप्रिंट पर काम कर रहे हैं।

मार्च में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया। नए रेग्युलेटर को बनाने में समय लग सकता है और इसे देखते हुए सुधार के अस्थायी उपाय के तौर पर मौजूदा नियमों में संशोधन करने पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे रेग्युलेटरी प्रोविजंस भी समाप्त होंगे जिनकी अब जरूरत नहीं है।

एक अधिकारी ने कहा कि यूजीसी और एआईसीटीसी को हटाकर के एक सिंगल रेग्यूलेटर का आना सबसे क्लीन और बड़ा रिफॉर्म होगा। वैसे हायर एजुकेशन में कई रेग्युलेटरी अथॉरिटीज की जगह एक रेग्युलेटर लाने का विचार नया नहीं है। यूजीसी को खत्म करने के लिए यूपीए सरकार के समय गठित यशपाल समिति, हरी गौतम समिति और नेशनल नॉलेज कमिशन ने सिफारिश की थी।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending