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राहुल/कांग्रेस की “छुट्टी”

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बजट सत्र से ऐन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर चले गए हैं। साफ हो गया है कि राहुल गांधी रेल बजट और आम बजट के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। लोकसभा में संख्याबल के लिहाज से पहले ही मृतप्राय कांग्रेस के लिए उनका ये कदम किसी कुठाराघात से कम नहीं है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी शायद मसोसकर राहुल को छुट्टी की अनुमति दे दी। पार्टी हित पर पुत्र प्रेम एक बार फिर हावी पड़ा। उन्होंने मीडिया के सामने भी राहुल का बचाव किया और कहा कि राहुल को आत्ममंथन के लिए थोड़ा वक्त दीजिए। लेकिन ये थोड़ा वक्त पार्टी के लिए बहुत भारी है। कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखते राहुल गांधी ही अब कार्यकारी रूप से पार्टी का कामकाज चलाते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में भी करारी हार झेलनी पड़ी। विपक्षी नेताओं को दरकिनार कर भी दें तो कांग्रेस पार्टी के भीतर भी राहुल पर बार-बार उंगलियां उठ रही हैं। बार-बार प्रियंका गांधी को नेतृत्व के लिए सामने लाने की चर्चा जोर पकड़ती है। ऐसे समय में राहुल का आत्ममंथन पार्टी को मीलों पीछे ले जाएगा।

इसका एक पक्ष यह भी है कि जो नेता देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी का नेतृत्व कर रहा हो, वह संसद के सबसे अहम सत्र यानी बजट सत्र से कैसे गायब रह सकता है। यही वह समय होता है कि जब वह सदन के पटल पर अपनी सक्रियता प्रदर्शित कर सकता है और मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेर सकता है। सत्ता पक्ष की निरंकुशता पर भी लगाम लगाने के लिए ये बेहद जरूरी है।

वैसे राहुल के इस आत्ममंथन के पीछे उनके सर्मथक अप्रैल में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन को भी वजह बता रहे हैं। यह भी चर्चा चल पड़ी है कि इस बैठक में राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष भी घोषित किया जा सकता है। लेकिन अध्यक्ष किसी भी हाल में पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता। खेल बड़ा या खिलाड़ी की तर्ज पर कांग्रेस को भी अब अपना चुनाव करना पड़ेगा। कांग्रेस को साफ करना होगा कि वह गांधी परिवार के साये से बाहर निकल पाएगी या नहीं। कांग्रेसियों को इसका जवाब खुद खोजना है वरना आजादी से पहले गठित कांग्रेस पार्टी अपना वजूद खो देगी।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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