प्रादेशिक
कानपुर, मेरठ और आगरा में चलेगी मेट्रो, खर्च होंगे 43 हजार करोड़
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। यूपी में कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो चलाने पर 43 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा योगी सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से शहरों के भीतर चलने वाले स्लॉटर हाउस पर भी लगाम लगाने का प्रयास किया है।
कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्घार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में 10 बिंदुओं पर चर्चा हुई और उन्हें कैबिनेट का अनुमोदन मिल गया।
सिद्घार्थनाथ ने कहा कि योगी सरकार ने फैसला किया है कि कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो चलाई जाएगी। आगरा महानगर में मेट्रो के 2 कॉरीडोर बनाए जाएंगे। इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर होगी। जबकि इस पर 30 स्टेशन बनाए जाएंगे। आगरा में मेट्रो के निर्माण में कुल 13 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने कहा कि आगरा की तरह ही कानपुर में मेट्रो के निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें भी दो कॉरीडोर बनाए जाएंगे, जबकि इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर होगा और यहां पर 31 स्टेशन बनाए जाएंगे।
मेरठ महानगर मे मेट्रो के निर्माण पर 13800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां पर भी दो कॉरीडोर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 33 किलोमीटर होगी। यहां पर कुल 29 स्टेशन बनेंगे।
सिद्घार्थनाथ सिंह ने बताया कि इसमें तीनों शहरों में मेट्रो परियोजना पर कुल 43800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें पच्चास प्रतिशत केंद्र और 50 प्रतिशत धनराशि राज्य की ओर से दिया जाएगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट में नगर निगम अधिनियम 1959 और उप्र नगर महापालिका अधिनियम 1916 में संशोधन करने का फैसला लिया गया। इसमें अध्यादेश के माध्यम से यह संशोधन किए जाएंगे। इसके तहत सरकार का प्रयास है कि शहर के भीतर चलने वाले बूचडख़ानों को शहर के बाहर स्थापित किया जाए।
उन्होंने बताया कि पहले नगर निगम और नगरपालिका के तहत ही शहर के भीतर बूचडख़ाने खोले जाते थे और उनको बनाने, चलाने और निगरानी का जिम्मा उन्हीं का होता था। लेकिन संशोधन के बाद अब केवल बूचडख़ाना निजी लोगों की ओर से शहर के बाहर खोले जाएंगे। लेकिन इन पर निगरानी रखने का काम नगर पालिका और नगर निगम करेंगे।
सिद्घार्थनाथ ने बताया कि इसके अलावा बागपत की रमाला चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसकी क्षमता 2750 टीसीजी से बढ़ाकर 5000 टीसीजी किया जाएगा। इससे 34000 गन्ना किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। इससे 7000 लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार भी मिलेगा। इस पर कुल 302 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक अम्बरेला स्टेट हाइवे एग्रीमेंट को मंजूरी प्रदान की गई है। इस स्टैंडर्ड में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को एक प्रोफार्मा भेजा गया था लेकिन उप्र अभी तक उसमें शामिल नहीं था। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद उप्र भी इसमें शामिल हो जाएगा।
सिद्घार्थनाथ ने बताया कि 24 जिलों में लोक अदालत स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। संयुक्त प्रांत आबकारी धारा 1910 की धारा 24 क में संशोधन किया गया। इसमें अब आप मॉडल शाप पर शराब पी सकेंगे।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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