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प्रादेशिक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताई वजह, क्यों देखना पड़ा हार का मुंह

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव में मिली पराजय को स्वीकार करते हुए कहा कि अति आत्मविश्वास की वजह से हार का सामना करना पड़ा। दोनों सीटों पर हार की समीक्षा होगी और यह आंकलन होगा कि कमी कहां रह गई। इसी अनुरूप भविष्य की बेहतर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

गोरखपुर-फूलपुर उपचुनावों में हार के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सपा-बसपा के गठबंधन को समझने में फेल रहे, जिसका एक कारण अतिआत्मविश्वास भी है। प्रदेश में जो बेमेल राजनीतिक सौदेबाजी का प्रयास शुरू किया गया है, जनता उसको समझती है।

यूपी के सीएम ने कहा कि देश के अंदर पीएम मोदी के नेतृत्व में जो भी कल्याण के कार्य हुए हैं, जो एक विश्वास जगा है, वह राष्ट्रीय मुद्दों में महत्वपूर्ण होगा। उपचुनाव में लोकल मुद्दे ज्यादा हावी होते हैं, लेकिन समीक्षा करना आवश्यक है, जिससे भविष्य में हम लोग बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज की। गोरखपुर सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभी तक की अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उप चुनाव में समर्थन का ऐलान किया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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