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नेशनल

संघ मुख्यालय में आखिर प्रणव मुखर्जी क्या बोलेंगे, इंतजार में देश

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय में गुरुवार को काफी गहमागहमी रहेगी। संघ के ठीक विपरीत विचारधारा के मानने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पर सबकी नजर रहेगी। और पूरे देश को यह इंतजार रहेगा कि आखिर शाम को 6.30 बजे प्रणव मुखर्जी संघ के मंच से क्या बोलेंगे।

प्रणव मुखर्जी के आखिरी बार दिए गए भाषण पर गौर करें तो राष्ट्रपति के तौर पर वर्ष 2017 में दिया गया उनका अंतिम भाषण उनके पांच दशकों के राजनीतिक कार्यकाल के दौरान के उनके विचारों और चिंताओं को दर्शाता है।

प्रणव मुखर्जी ने अपने 2017 के इस संबोधन में कहा था, “मैं आपके साथ कुछ सच्चाई साझा करना चाहता हूं जिसका मैंने इस दौरान अनुभव किया है। भारत की आत्मा बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है। भारत केवल एक भौगोलिक जगह नहीं है। यह अपने में इतिहास के विचार, दर्शनशास्त्र, बुद्धि, औद्योगिक बुद्धिमत्ता, शिल्प, नवाचार और अनुभवों को समेटे हुए है। हमारे समाज की बहुलता दशकों से विचारों का आकलन करने के बाद उत्पन्न हुई है।”

उन्होंने अपने करियर के इस अंतिम भाषण में कहा था, “संस्कृति, विश्वास और भाषा की विभिन्नता भारत को विशेष बनाती है। हमें सहिष्णुता से मजबूती मिलती है। यह सदियों से हमारी सामूहिक चेतना का हिस्सा रहा है। सार्वजनिक जीवन में कई विचार होते हैं। हम उनसे सहमत हो सकते हैं, नहीं भी हो सकते हैं। लेकिन हम विविध विचारों के होने से इनकार नहीं कर सकते। अगर हम ऐसा करेंगे तो अपनी विचार प्रक्रिया के एक मूल तत्व को हम गंवा देंगे।”

राष्ट्रपति बनने से पहले जिंदगी भर कांग्रेस के साथ रहे मुखर्जी गुरुवार को नागपुर में आरएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले है। आरएसएस के मंच पर यह उनका पहला भाषण होगा जिसकी वह अतीत में एक से अधिक बार आलोचना कर चुके हैं। शायद इसीलिए, उनके द्वारा आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद विवाद पैदा हो गया।

हालांकि, वह नागपुर में क्या बोलने वाले हैं, इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि वह जो भी कहेंगे, उसके बारे में पता उनके संबोधन के बाद ही चल पाएगा। (इनुपट आईएएनएस)

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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