बिजनेस
इंटरनेट निरपेक्षता को मोबाइल उद्योग का समर्थन
नई दिल्ली | सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने रविवार को इंटरनेट निरपेक्षता के सिद्धांतों को समर्थन दिया। सीओएआई ने यहां अपने बयान में कहा, “हम मुक्त इंटरनेट को समर्थन देते हैं और मानते हैं कि उपभोक्ताओं को यह तय करना चाहिए कि वह ऑनलाइन क्या करना चाहते हैं। हमारा काम उपभोक्ताओं को आजादी का लाभ देना है।”
बयान के मुताबिक, “हम विकल्प प्रस्तुत करते हैं और किसी भी वेबसाइट या एप को न तो रोकते हैं, न ही तरजीह देते हैं।” नेटवर्क निरपेक्षता का मतलब है कि वर्ल्ड वाइड वेब का उपयोग करते समय उपयोगकर्ता जिस प्रकार चाहें उस प्रकार से ऑनलाइन होने, इंटरनेट पर जहां जाना चाहें, वहां जाने और और जो करना चाहें, वह करने में समर्थ हों, बशर्ते उनकी गतिविधि वैध हो। इसलिए इंटरनेट उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को सभी वैध इंटरनेट सामग्री के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। इस अवधारणा के तहत कंपनियां शुल्क लगाने में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं, सामग्री, प्लेटफार्म, वेबसाइट, एप्लीकेशनों या संचार के रूपों के साथ भेद-भाव नहीं कर सकतीं।
उद्योग संघ ने कहा कि दूरसंचार क्रांति से 95 करोड़ लोगों को सस्ती सेवा मिली है और अब इंटरनेट क्रांति से यह हर व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। सीओएआई ने कहा, “कंपनियों ने लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम शुल्क और नेटवर्क बिछाने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं। तब भी उद्योग अपनी पूंजी पर लाभ नहीं कमा पा रहा है।” संघ ने अनुमान जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के सपने को साकार करने के लिए अगले 10 साल में स्पेक्ट्रम, नई प्रौद्योगिकी, उपकरण, टॉवर और ऑप्टिल फाइबर पर तीन लाख से पांच लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति2 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
मध्य प्रदेश2 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
प्रादेशिक2 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
प्रादेशिक2 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
-
मुख्य समाचार2 days ago
VIDEO : 96 लाख रुपये बैटिंग एप में हारने वाले लड़के को देखें, कैसे हारा इतना पैसा
-
अन्य राज्य2 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील