बिजनेस
बैंक एनपीए की जल्द करें पहचान : आरबीआई
नई दिल्ली। बैंकों को जल्द-से-जल्द गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की पहचान करनी चाहिए और ऋण धारकों को ऋण चुकाने में मदद करनी चाहिए। एनपीए को छुपाने से सभी पक्ष को नुकसान है। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा एनपीए को छुपाने से बैंक और ग्राहक दोनों को नुकसान है।
उन्होंने कहा कि किसी खाते को एनपीए में बदलना कोई पाप नहीं है। जब भी किसी ऋण को चुकता नहीं हो रहा हो, बैंकों को जल्द-से-जल्द उसकी पहचान अपने खाते में करनी चाहिए और ऋण धारक को मदद भी करनी चाहिए। इससे दोनों पक्षों को वास्तविक स्थिति पता रहेगी। जब भी कोई ऋण एनपीए घोषित हो, दोनों पक्षों को साथ बैठकर भविष्य की योजना तय करनी चाहिए।
मुंद्रा ने साथ ही कहा कि बैंकों में निवेश करने के लिए निर्धारित किया गया 7,940 करोड़ रुपये का कोष नाकाफी है। उन्होंने कहा कि इस राशि का कुछ हिस्सा खातों को दुरुस्त करने में किया जाएगा और अर्थव्यवस्था में तेजी आने के बाद भी अतिरिक्त धन की जरूरत होगी।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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