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प्रादेशिक

जद (यू) का ‘हर घर दस्तक’ शुरू, भाजपा ने कहा-नकल

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पटना | बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सतारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) का ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम गुरुवार को शुरू हो गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने की, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना सिटी के 10 घरों में दस्तक देने पहुंचे। इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कार्यक्रम को नकल बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दिखावे के लिए घर-घर दस्तक दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पटना सिटी के पश्चिम दरवाजा के नजदीक स्थित कृष्णा साहु के घर सबसे पहले दस्तक दी। इस क्रम में नीतीश ने लोगों के घर जाकर सरकार के कायरें के बारे में बताया और मतदाताओं से उन्हें एक और मौका देने की अपील की। इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनीं। इससे पहले जद (यू) प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इसका मुख्य मकसद जनता की बात सुनना है। पार्टी के कार्यकर्ता भी अपनी बात रखेंगे तथा सरकार की उपलब्धियां बताएंगे। जद (यू) के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य ने बताया कि चुनावी अभियान के तहत ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम का पहला चरण 11 जुलाई तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 21 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई को समाप्त होगा। 

उन्होंने बताया कि ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम के तहत पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रतिदिन 10 घरों में जाएंगे और सरकार की पिछले 10 साल की उपलब्धियों की चर्चा करेंगे। संबंधित घर से निकलते समय उस घर पर स्टिकर चिपकाया जाएगा, जिस पर मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ ‘फिर एक बार नीतीश कुमार’ लिखा हुआ होगा। इस क्रम में इच्छुक लोगों के मोबाइल फोन में रिंगटोन ‘बिहार में बहार हो, नीतीश कुमार हो’ डाउनलोड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में पार्टी के सभी सांसद, विधायक, पूर्व विधायक सहित पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत तीन करोड़ मतदाताओं से सीधा संपर्क करने की योजना बनाई गई है।

वहीं, भाजपा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के नेताओं ने जद (यू) के इस कार्यक्रम को भाजपा की नकल बताया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जद (यू) का ‘पर्चा पर चर्चा’ कार्यक्रम फेल हो गया है और अब मुख्यमंत्री दिखावे के लिए घर-घर दस्तक दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम कार्यकर्ताओं के कारण सफल होता है और जद (यू) के पास कार्यकर्ता हैं ही नहीं। भाजपा के नेता नंदकिशोर यादव ने सवाल किया कि दशहरा के दौरान हुए हादसे में मारे गए लोगों के घरों पर जाकर नीतीश ने दस्तक क्यों नहीं दी? आंतकी हमले के अलावा अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान नीतीश हादसे के शिकार लोगों के घरों तक नहीं गए और आज घर-घर दस्तक देने का नाटक कर रहे हैं। इस बीच, रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि यह नकल है और नकल में पकड़े जाने का डर बना रहता है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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