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प्रादेशिक

पंचायती चुनाव के चलते, पूर्व सैनिक करेंगे ट्रैफिक कंट्रोल

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लखनऊ।  पंचायत चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था को लेकर यहां के ट्रैफिक को और बेहतर करने के लिए  मुख्य रूप से पूर्व सैनिक नियंत्रित करते नजर आएंगे। किसी समय वर्दी पहने हाथों में हथियार उठाए दिन-रात सीमा पर मुस्तैद रहकर मातृभूमि की रक्षा करने वाले ये पूर्व सैनिक अब शहर में अनियंत्रित हो चली यातायात व्यवस्था से लोगों की सुरक्षा का जिम्मा उठाएंगे। माना जा रहा है कि पूर्व सैनिकों को इस काम में लगाने से शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड चुने हुए करीब 150 पूर्व सैनिकों को विशेष प्रशिक्षण दिलवाने की तैयारी में है।

पूर्व सैनिक कल्याण निगम के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (अवकाश प्राप्त) आर.डी. सिंह ने बताया कि सूबे में हो रहे पंचायत चुनाव के दौरान सिविल पुलिस व यातायात के सिपाहियों की दूर-दूराज क्षेत्रों में ड्यूटी लग जाने से यातायात व्यवस्था को संचालित कराने का संकट उठ खड़ा हुआ है। इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूर्व सैनिक कल्याण निगम से शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु तरीके सें संचालित कराने के लिए फिलहाल अभी 100 पूर्व सैनिकों की मांग की है। निगम उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए प्रशासन को शीघ्र ही 100 पूर्व सैनिक मुहैया कराएगा, जो राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुचारु तरीके से नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होंगे।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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