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मास्टर शेफ बिहार में लड़ रहे चुनाव 

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पटना | बिहार के चुनावी समर में वैसे तो कई राजनीतिक दल के नेता भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन इस समर में अमेरिका के एम़ जी़ एम. ग्रैंड कसीनो लॉस बिगर्स में मास्टर शेफ का काम कर चुके त्रिपुरारी सिंह भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सिंह पटना के बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। वैसे त्रिपुरारी का लक्ष्य नेता बनाना नहीं, बल्कि स्थानीय समस्याओं से लोगों को निजात दिलाना है।

देश के चर्चित होटल ताज में मास्टर शेफ का काम कर चुके त्रिपुरारी ने बताया कि अमेरिका में उन्हें न पैसे की समस्या थी और न कोई दुख था। जिंदगी अच्छी कट रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों की समस्याएं और जन्मस्थान का प्रेम उन्हें फिर से यहां खींच लाया। उनका मानना है कि जन्मभूमि के लिए कार्य करना दिल को काफी सुकून देता है। बाढ़ के बड्डोपुर गांव के गरीब परिवार में पले त्रिपुरारी बाढ़ के एक स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास कर दिल्ली पहुंचे थे। किसी तरह दिल्ली से होटल प्रबंधन की पढ़ाई पूरी कर नौकरी की तलाश करने लगे। ताज होटल में नौकरी करने के बाद त्रिपुरारी सिंगापुर चले गए, जहां एक चर्चित होटल में मास्टर शेफ की नौकरी करने लगे। लेकिन वह होटल प्रबंधन में मास्टर डिग्री लेना चाहते थे।

इसी ख्वाहिश ने इन्हें अमेरिका जाने को प्रेरित किया। 38 वर्षीय त्रिपुरारी देश और विदेश में जरूर रहे, लेकिन उन्हें अपने जन्मभूमि की समस्या बराबर याद आती रही। तीन वर्ष पूर्व जब वह अपने पैतृक गांव बड्डोपुर आए तब यहां की समस्यओं को देख उनका मन द्रवित हो गया और फिर उन्होंने गांव में ही रहने को ठान ली। इस बीच वह लगातार लोगों को स्थानीय समस्याओं से निजात दिलाने के कार्य में जुटे रहे, परंतु कई समस्याएं ऐसी थीं, जिनका हल उनके पास नहीं था। इस बीच स्थानीय लोगों ने उन्हें विधानसभा चुनाव में मैदान में आने के लिए जोर देने लगे। स्थानीय लोगों के निवेदन पर त्रिपुरारी चुनाव मैदान में उतर आए।

बकौल त्रिपुरारी आज सभी राजनीतिक दल जातीय आधार पर आरक्षण की बात करते हैं क्या अगड़े जातियों में गरीब नहीं हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज बड़े-बड़े नेताओं के बेटों को जाति के आधर पर आरक्षण दिया जा रहा है, परंतु गरीब सवर्णो के घरों में चूल्हे नहीं जल रहे हैं, आखिर इन सवर्ण गरीब को देखने वाला कौन है, आखिर इन गरीब सवर्णो को आगे बढ़ाने का दायित्व किसका है सिंह कहते हैं कि सवर्ण आयोग का बिहार में गठन किया गया था, परंतु यह मात्रा छलावा साबित हुआ।

बिहार में सरकार द्वारा जितनी भी नौकरियां दी गईं, उनमें अधिकांश लोग नालंदा जिले के ही रहने वाले हैं। नालंदा जिला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है। सिंह का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाला आरक्षण समाप्त होना चाहिए, जिससे सवर्णो और दलित-पिछड़ों का भेदभाव मिट सके। आरक्षण आज केवल वोट लेने का मुद्दा बन गया है, न कि विकास का।

बाढ़ विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए त्रिपुरारी ने कहा कि बाढ़ की सड़कों में आज बड़े-बडे गड्ढे हैं, आखिर इस समस्या के लिए किसका दोष है। वह कहते हैं कि बाढ़ के युवाओं का समर्थन उन्हें लगातार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीति में अब ऐसे लोगों को आने की जरूरत है, जो युवा व पढ़ा लिखा हो।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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