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प्रादेशिक

देसी के आगे ‘फिरंगी’ गाने फीके

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प्रशांत कुमार 

नई दिल्ली| दिल्लीवासी पार्टियों में भले टिएस्टो व डेविड गेट्टा सरीखे अंतर्राष्ट्रीय डिस्क जॉकी (डीजे) की धुनों पर जमकर थिरकते हैं, लेकिन जब सवाल ‘असल’ पार्टी को हो तो बॉलीवुड व पंजाबी गाने ही उनकी पहली व आखिरी पसंद हैं। यह कहना है, दिल्ली के नाइटक्लबों के मालिकों व उनमें म्यूजिक प्ले करने वाले डीजे का।

क्रिसमस वाली रात भी दिल्ली के विभिन्न पब व बार में खूब भीड़ उमड़ी और लोग बॉलीवुड व पंजाबी गाने बजाने की फरमाइश करते रहे, लेकिन डीजे अपने मर्जी से गाने बजाते रहे। इस वजह से कई जगहों पर लोगों व डीजे में जमकर तू-तू मैं-मैं भी हुई।

यहां ‘माय बार हेडक्वार्ट्स’ में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहीं व मनपसंद गाने न बजाए जाने से खफा सोनल ने कहा, “डीजे व पब मालिक का अपनी मर्जी से म्यूजिक प्ले करना बहुत खराब बात है। हमने डीजे से पंजाबी गाने बजाने का अनुरोध किया, लेकिन वह अपने मनमाफिक गाने बजाता रहा। एंट्री पर अच्छे खासे पैसे खर्च करने के बाद यह सब झेलना बहुत बुरा लगता है।”

अधिकांश डीजे व रेस्तरां मालिकों ने कहा कि उनसे क्लब में अंतर्राष्ट्रीय गायकों के गाने, ताजातरीन बॉलीवुड गाने व पंजाबी गाने बजाने की मांग की जाती है।

यह पूछे जाने पर कि ‘पार्टी रॉकर्स’ का ख्याल रखने की दिशा में आपकी क्या योजना है? जवाब में पैंपफिलॉस के मालिक यशील आनंद सिंह ने कहा, “हमारे पास उनके लिए दो अलग-अलग शैलियों (बॉलीवुड व कमर्शियल) के गाने हैं। अलग-अलग प्राथमिकता व पसंद वाले लोग हिंदी व अंग्रेजी दोनों गानों का लुत्फ उठा सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि जश्नी कार्यक्रमों के लिए सही गाने व थीम ही नहीं, बल्कि सही डीजे का चुनाव करने में भी बहुत दिमाग व मेहनत लगती है।

यशील ने आईएएनएस को बताया, “हम हमारे मेहमानों की मांग व प्राथमिकता के आधार पर म्यूजिक थीम चुनते हैं। स्पेशल नाइट के लिए डीजे का चुनाव करना भी बहुत मेहनत वाला काम है। हम उनके सैंपल को सुनने के बाद ही उन पर आखिरी फैसला लेते हैं।”

डीजे सात्विक अरोड़ा ने कहा, “दिल्ली के लोगों को रैपर हनी सिंह व बादशाह के गाने बॉलीवुड तड़के में पंजाबी मिक्स के साथ अच्छे लगते हैं। वहीं बॉलीवुड गानों में उन्हें ताजातरीन व नए गानों पर थिरकना अच्छा लगता है।”

हॉलीवुड गानों में लोगों की प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर डीजे सैम ने कहा, “इंग्लिश में डेविड गेट्टा के गाने शीर्ष पर हैं। हमें कमर्शियल गाने बजाने की दरख्वास्त ज्यादातर युवाओं की ओर से आती है।”

अधिकांश दिल्ली वाले पार्टियां करने के लिए हौज खास गांव, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश जैसी जगहों का रुख करते हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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