Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : आम बजट पर रहेगी निवेशकों की नजर

Published

on

एनएसई, लिस्टिंग समिति के गठन की घोषणा

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह आम बजट 2016-17 पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। इसके साथ ही प्रमुख आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक संकेतों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व तेल की कीमतों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी। संसद का बजट सत्र मंगलवार 23 फरवरी को शुरू हो चुका है। रेल बजट गुरुवार 25 फरवरी को पेश हुआ और आर्थिक सर्वेक्षण शुक्रवार 26 फरवरी को पेश हुआ। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली 29 फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगे। सत्र 13 मई को समाप्त होगा। इस बीच 17 मार्च से 23 अप्रैल तक सत्रावकाश होगा। जेटली आम बजट में कारपोरेट कर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी तक लाने की योजना पेश कर सकते हैं। उन्होंने पिछले साल के बजट में कहा था कि इसे 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी तक लाया जाएगा।

एफपीआई और डीआईआई के आंकड़ों पर बनी रहेगी निवेशकों की नजर

निवेशकों की नजर वित्तीय घाटे को कम करने की योजना पर भी रहेगी। मंत्री ने पिछले साल वित्तीय घाटा कम करने की योजना को थोड़ा आगे बढ़ाते हुए कहा था कि 2015-16 में यह 3.9 फीसदी, 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में तीन फीसदी पर लाया जाएगा। निवेशक बजट में कर ढांचे में थोड़े बदलाव की भी उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए अनुकूल जमीन तैयार हो सके। निवेशक बैंकों में पूंजी निवेश की योजना, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर, अवसंरचना विकास, रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा के संबंध में घोषणाओं पर निगाह लगाए रहेंगे। आयकर छूट, तथा विभिन्न निवेश योजनाओं में कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की घोषणा की भी उम्मीद की जा रही है। आगामी सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। ये कंपनियां मार्च की पहली तारीख से फरवरी में हुई बिक्री के आंकड़े जारी करना शुरू करेंगी। निवेशकों की नजर तेल विपणन कंपनियों क शेयरों पर भी रहेगी। ये कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के आधा पर खुदरा तेल मूल्य की समीक्षा करती हैं।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending