Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट में सत्ता की जंग जारी

Published

on

उत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्याउत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकादेश के खिलाफ दायर याचिका

Loading

उत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्याउत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकादेश के खिलाफ दायर याचिका

वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन और बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रही। इस मामले में दिन भर पल-पल पासा पलटता रहा। बजट अध्यादेश और राष्ट्रपति शासन को लेकर की जा रही रही सुनवाई में दोनों पक्षों में जबरदस्त बहस चली। केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने हाॅर्स ट्रेडिंग का खुला खेल खेलना चाहा। उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा विधायक भीमलाल आर्य को निष्कासित नहीं किया गया जबकि एक अन्य विधायक राजेश शुक्ला को उनके पिता के नाम पर स्कूल का नाम रखने का लालच दिया गया है। इसी तरह से अन्य विधायकों की भी खरीद-फरोख्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इस स्थिति में केंद्र की अनुशंसा के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन

बहस के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि सदन में जब विनियोग विधेयक पर 35 सदस्य वोटिंग की मांग कर रहे थे तो स्पीकर ने इसको अनसुना कर दिया। सरकार तो उसी दिन गिर गई थी। इसके बाद सीएम रावत का स्टिंग सामने आया जो कि हाॅर्स ट्रेडिंग का पुख्ता सबूत था, ऐसे में धारा 356 लगाना शुरू हो गया।  राज्य सरकार की ओर से पैरवी अधिवक्ता हरीश साल्वे ने की। याचिकाकर्ता हरीश चंद रावत के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया, इसके बावजूद अदालत ने साल्वे को सुनना चाहा। अधिवक्ता साल्वे ने कहा कि हाॅर्स ट्रेडिंग के पुख्ता सबूत होना चिन्ता की बात है और सदन में विनियोग बिल का गिरना भी चिन्ता की बात है।

उन्होंने कहा कि इस आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाना लाजिमी है। इससे पूर्व  सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी और मनु सिंघवी के बीच विनियोग विधेयक पर तीखी बहस हुई। बहस में मनु सिंघवी ने कहा कि विधानसभी में 18 मार्च को विनियोग विधेयक पास हो गया था। जिस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर विधानसभा में विधेयक पास हो गया था तो रावत सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए आमंत्रित क्यों किया गया। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपनी पैरवी में न्यायालय से कहा की जब 21 मार्च को सदन की कार्यवाही तय की गई थी तो 28 मार्च को फ्लोर टेस्ट रखने की क्या जरूरत थी जबकि 21 मार्च को ही फ्लोर टेस्ट रखा जा सकता था। उन्होंने कहा की राज्यपाल ने 28 मार्च को फ्लोर टेस्ट रखने को नहीं कहा था। उन्होंने वित्त विधेयक के दौरान ध्वनि मत को फ्लोर टेस्ट मानते हुए दूसरे फ्लोर टेस्ट की जरूरत को गैरजरूरी बताया। याचिकाकर्ता हरीश रावत की तरफ से मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ में पक्ष रखने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending