बिजनेस
शेयर बाजार विश्लेषक की रैंकिंग के लिए चैंपियनशिप
नई दिल्ली| शेयर बाजार के विश्लेषकों की रैंकिंग के लिए एक चैंपियनशिप की स्थापना की गई है, जिसमें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड में पंजीकृत शेयर विश्लेषक व्यक्ति या कंपनियां शामिल हो सकती हैं। यह जानकारी चैंपियनशिप के आयोजकों ने शुक्रवार को दी। आयोजक एडवाइजरीमंडी डॉट कॉम ने यहां एक बयान में कहा कि चैंपियनशिप के प्रतिभागी रोजाना एडवाइजरीमंडी डॉट कॉम और उसके मोबाइल एप पर अपनी सलाह भेज सकेंगे। वेबसाइट पर पोस्ट की गई सलाह की सटीकता के आधार पर रोजाना मिलने वाले अंकों के आधार पर प्रतिभागियों को रैंकिंग दी जाएगी और विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी।
रोजाना आधार पर तीन श्रेणियों में विजेताओं को सोने के सिक्के पुरस्कार में दिए जाएंगे।
बयान के मुताबिक, “सेबी नियमावली-2014 और निवेश सलाहकार नियमावली-2013 के तहत पंजीकृत शोध विश्लेषक इस चैंपियनशिप में हिस्सा ले पाएंगे।”
एंजल ब्रोकिंग, एसएमसी ग्लोबल, मोतीलाल ओसवाल और कैपिटल वाया जैसी ट्रेडिंग कंपनियां ने अपना पंजीकरण करा लिया है।
निवेश सलाहकार या शोध विश्लेषक के रूप में सेबी पंजीकरण नंबर इसमें हिस्सा लेने के लिए आवश्यक है।
एडवाइजरीमंडी डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशलेंद्र सिंह सेंगर ने कहा, “चैंपियनशिप के जरिए बाजार के सभी खिलाड़ियों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश की गई है। इससे शेयर बाजार को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और जागरूक निवेशकों की एक नई पीढ़ी तैयार होगी।”
प्रथम चैंपियनशिप मुंबई में 21 अप्रैल से शुरू होगा। इसके लिए प्रतिभागियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चैंपियनशिप हर साल चलता रहेगा।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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