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उत्तराखंड

अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बढ़ा, नदी किनारे बसे लोग भयभीत

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अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर, बारिश से बढ़ी दिक्कतें, आपदा की यादें ताजा

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अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर, बारिश से बढ़ी दिक्कतें, आपदा की यादें ताजा

rdp

लोगों को दी सतर्क रहने की हिदायत

रुद्रप्रयाग। 16-17 जून वर्ष 2013 को आई आपदा की यादें तब ताजा हो गई, जब शुक्रवार प्रातः अलकनंदा नदी उफान पर आ गई और आवासीय भवनों के नीचे तक पानी भर गया। अचानक बढ़े नदी के पानी को देखकर लोगों में अफरा-तफरी मच गई और नदी किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे। एक बार दिन के समय अलकनंदा नदी का पानी कम हो गया था, लेकिन सांय चार बजे बाद फिर से नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि हो गई।

लगातार हो रही बारिश से बढ़ी दिक्कतें

वहीं केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश के कारण मंदाकिनी नदी के जल स्तर में भी भारी वृद्धि हो गई है। केदारघाटी एवं जिला मुख्यालय में नदी किनारे बसे लोगों के लिये अलर्ट जारी किया गया है। यदि बारिश इसी प्रकार होती है और नदियों का जल स्तर बढ़ता है तो नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिये गये हैं।

लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। जिस कारण नदी किनारे बसे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। केदारघाटी और जिला मुख्यालय में नदी किनारे बसे लोगों के लिये हाई अलर्ट जारी किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हर समय सतर्क रहने के लिये कहा गया है। पुलिस एवं नगरपालिका बाजारों में मुनादी करके लोगों को सतर्क कर रही है।

जिला मुख्यालय में नगरपालिका के पुराने कार्यालय, हनुमान मंदिर, अलकनंदा बारात घर के साथ ही कई आवासीय घरों के निकट तक पानी घुस गया। जिससे प्रभावित डर गये। हालांकि बाद में नदी का जल स्तर कम हो गया, लेकिन फिर सांय के समय बारिश होने के कारण अलनंदा एवं मंदाकिनी नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने लगी।

केदारघाटी में भी बारिश होने से आपदा प्रभावितों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। नदी किनारे बसे लोग डरे एवं सहमें हुये हैं। ट्रालियों से आवाजाही करने वाली आपदा पीड़ित जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रालियों में आवाजाही करते समय जनता की एक छोटी सी चूक उनकी जिंदगी लील सकती है। ट्राली में सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं।

एक साथ चार से पांच लोग ट्राली से आवाजाही कर रहे हैं। कोतवाली प्रभारी दरवान सिंह पंवार ने बताया कि नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने के लिये कहा गया है। यदि नदियों का जल स्तर और अधिक बढ़ता है तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जायेगा।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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