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उत्तराखंड

बागी विधायकों के मामले की सुनवाई अब 23 को

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उत्तराखंड, बागी विधायकों के मामले की सुनवाई अब 23 को, अदालत ने दोनों पक्षों से मांगा हलफनामा, एकल पीठ कर रही मामले की सुनवाई

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उत्तराखंड, बागी विधायकों के मामले की सुनवाई अब 23 को, अदालत ने दोनों पक्षों से मांगा हलफनामा, एकल पीठ कर रही मामले की सुनवाई

एकल पीठ कर रही मामले की सुनवाई

देहरादून। उत्तराखंड में सत्ता का संग्राम अब अदालत में लड़ा जा रहा है। पिछले दो दिनों से नैनीताल हाईकोर्ट में कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। यह सुनवाई अब 23 अप्रैल को होगी। इससे पूर्व यह माना जा रहा था कि बागियों की सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट आज कोई महत्वपूर्ण फैसला दे सकता है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ कर रही हैं।हाईकोर्ट में सोमवार से चल रही इस मामले की सुनवाई मंगलवार दोपहर तक जारी रही। जिसके बाद 23 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख दी गई। बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के मामले की पैरवी आर्यमन सुंदरम, एल. नागेश्वर राव और दिनेश द्विवेदी कर रहे हैं।

अदालत ने दोनों पक्षों से मांगा हलफनामा

बागियों द्वार दाखिर की गई याचिका में कहा गया कि बागियों ने पार्टी नहीं छोड़ी थी, वे केवल सरकार के खिलाफ गए थे। याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला भी दिया गया है। बता दें कि बागी विधायक सुबोध उनियाल, शैलारानी रावत, उमेश शर्मा काऊ, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल और प्रदीप बत्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 27 मार्च 2016 को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सभी बागी विधायकों की सदस्यता को समाप्त करने के आदेश को चुनौती दी थी।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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