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प्रादेशिक

‘पन्ना बना वन्य प्राणी संरक्षण की पाठशाला’

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भोपाल| मध्य प्रदेश में वन्य-जीव संरक्षण के लिए चल रहे काम पर राज्य वन्य-प्राणी संरक्षण बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक में मौजूद वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने पन्ना को दुनिया के लिए वन्य प्राणी संरक्षण की पाठशाला बताया। बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वनवासी परिवारों की आजीविका भी वन्य-जीव संरक्षण के साथ-साथ जरूरी है। बेहतर वन्य-जीव प्रबंधन से वन्य-जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। ऐसे में उनके रहवास का दायरा बढ़ाने के लिए नियोजन की अग्रिम रणनीति बनानी होगी। वन्य-जीवों और उनके रहवास को बचाने के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है।

बैठक में बताया गया कि राज्य पशु बारहसिंगा की संख्या कुछ समय पहले 60 थी। बेहतर प्रबंधन से अब इनकी संख्या 600 तक पहुंच गई है। इसी साल सात बारहसिंगा को कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर राष्ट्रीय वन विहार, भोपाल में बसाया गया। इसी प्रकार, बांधवगढ़ से भी नर और मादा बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाया गया। बिना किसी नुकसान के चीतलों का पुनर्वास किया गया। पन्ना में बाघों की संख्या शून्य से 30 तक बढ़ जाने को विशेषज्ञों ने अभूतपूर्व उपलब्धि बताया।

बाघ संरक्षण विशेषज्ञ और बोर्ड की सदस्य बिलिंडा राइट ने बताया कि कजाकिस्तान और कंबोडिया में भी पन्ना के बाघ संरक्षण की चर्चा है। पन्ना ने अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्य-जीव संरक्षण की पाठशाला का दर्जा हासिल कर लिया है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी ट्रिप एडवाईजर ने उत्कृष्टता का प्रमाण-पत्र दिया है।

उल्लेखनीय है कि पन्ना का राष्ट्रीय उद्यान एक समय में बाघ विहीन हो गया था, लेकिन यहां बांधवगढ़ व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बाघों को लाकर उनका पुनर्वास किया गया। यह परियोजना सफल रही, नतीजतन अब यहां बाघों की संख्या 30 को पार कर चुकी है।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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