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प्रादेशिक

मप्र बजट : कृषि यंत्र सस्ते और मकान बनाना हुआ महंगा

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भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को विधानसभा में वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया। एक लाख 31 हजार 199 करोड़ रुपये के इस बजट में जहां कृषि यंत्रों को कर मुक्त किया गया है और 40 चीजों पर वैट 13 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है, वहीं तंबाकू रहित पान मसाला व गुटखा पर वैट को दोगुना किए जाने के साथ रेत, गिट्टी और फ्लोरिंग स्टोन की दरों में इजाफा किया गया है।

विधानसभा में मलैया द्वारा पेश किए गए बजट में आयोजनेत्तर (नॉन प्लान) व्यय 70 हजार 850 करोड़ और आयोजना (प्लान) व्यय 60 हजार 49 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह बजट राजकोषीय घाटे का नहीं बल्कि आधिक्य का है। मलैया के अनुसार वर्ष 2003-04 का बजट जहां चार हजार 475 करोड़ के राजस्व घाटे का था मगर वर्ष 2004-05 से लगातार आधिक्य का बजट आ रहा है। इस बार भी पांच हजार 588 करोड़ रुपये के आधिक्य का बजट है। सरकार के बजट में हस्तचलित, पशुचलित कृषि यंत्रों के साथ-साथ कतिपय शक्तिचलित यंत्रों को भी करमुक्त कर दिया गया है। इसी तरह साइकिल, ट्राइसिकल, साइकिल रिक्शा, और उसके कलपुर्जो को कर मुक्त करने का प्रस्ताव है। महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।

इसी तरह बजट में ट्रैक्टर एक्सेसरीज, गैस गीजर, कार्बन पेपर, इलेक्टॉनिक खिलौने, खाद्य रंग व खाद्य संरक्षक, सोया मिल्क पाउडर, इंडक्शन चूल्हा सहित 40 सामानों पर वैट 13 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा बजट में छात्रों के अध्यापन में उपयोग में आने वाली अभ्यास पुस्तिका, ग्राफ पुस्तिका और प्रयोगशाला नोट बुक को कर मुक्त कर दिया गया है। 500 रुपये तक की कीमत के राज्य में निर्मित जूते व चप्पल को भी कर मुक्त रखा गया है।

राज्य सरकार के बजट में तंबाकू रहित सभी प्रकार के पान मसाला एवं गुटखा पर वैट की दर को 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है। वहीं रेत, गिट्टी, और फ्लाोरिंग स्टोन की दरों में इजाफा किया गया है। राज्य के बजट में बाहर से आने वाले प्राकृतिक गैस, सीएनजी पर प्रवेश कर 10 प्रतिशत आधिरोपित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा वातानुकूलित सिनेमाघरों में 100 रुपये तक की टिकट को कर मुक्त रखा गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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