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प्रादेशिक

गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धा है, तो पूरे देश में शराबबंदी हो : नीतीश

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नीतीश कुमार, शराबबंदी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, चंपारण सत्याग्रह, बूचड़खाने, अखिलेश यादव

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पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एकबार फिर देश में शराबबंदी की मांग करते हुए कहा कि सही मायने में यदि केंद्र सरकार को चंपारण सत्याग्रह और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सच्ची प्रतिबद्घता है, तो पूरे देश में शराबबंदी लागू होनी चाहिए।

 

पटना में ‘लोक संवाद कार्यक्रम’ के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए नीतीश ने दिल्ली नगर निगम के चुनाव में राजद, जद (यू) और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि “इसे विपक्षी दलों के मतभेद से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह चुनाव स्थानीय निकाय के चुनाव हैं, किसी राज्य के नहीं।”  उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्टी आधार पर स्थानीय निकाय के चुनाव होते हैं, बिहार में ऐसा नहीं है। नीतीश कुमार, शराबबंदी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, चंपारण सत्याग्रह, बूचड़खाने, अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाने (पशु कत्लखाने) बंद करवाने के विषय में पूछे जाने पर नीतीश भड़क उठे। उन्होंने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा, “यह कोई मुद्दा नहीं है। आजकल मीडिया असल मुद्दे के केंद्र से गायब है। मीडिया में रोजगार, शिक्षा, कृषि जैसे मुद्दे पर बहस होनी चाहिए।” उन्होंने हालांकि यह भी कहा, “बिहार में वर्ष 1955 से कानून है और वह पूरी तरह लागू है।

बिहार में कोई भी अवैध तरीके से बूचड़खाना नहीं चला सकता।” उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी अखिलेश यादव और छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री से शराबबंदी की अपील की थी। उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री से भी राज्य में शराबबंदी की अपील करता हूं।” उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई राज्य सरकार यह सोच रही है कि शराबबंदी के बाद राजस्व की कमी होगी, तो यह भी गलत है।

उन्होंने कहा कि बिहार में नोटबंदी और शराबबंदी के बाद भी राज्य सरकार को 2016-2017 में उतनी आमदनी हुई है, जितनी शराब बिक्री के समय 2015-2016 में हुई थी। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले शराब पर जितने पैसे खर्च करते थे, उतने दूसरे जायज वस्तुओं पर खर्च करते हैं।

विपक्षी दलों की एकता के संदर्भ में जद (यू) अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस को इसके लिए पहल करनी चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत पर कहा कि “सभी राज्यों की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) मजबूत विकल्प बनी, ठीक उसी तरह पंजाब में कांग्रेस बनी। उत्तर प्रदेश की बात अलग है, वहां व्यापक विपक्षी एकता नहीं थी।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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