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नेशनल

गंभीर अपराधों में किशोरों पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाए जाने का रास्ता साफ

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नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को किशोर न्याय (संशोधन) विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक के साथ जघन्य अपराध करने वाले 16-18 आयुवर्ग के किशोरों पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाए जाने का प्रावधान का रास्ता साफ होगा। विपक्षी पार्टियों एवं बाल अधिकार से जुड़े विशेषज्ञों ने हालांकि इस कदम को घातक करार दिया और कहा कि सदन में पूर्ण बहुमत का सत्ता पक्ष ने उपयोग कर इसे पारित कराया।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) विधेयक, 2014 संशोधन, मौजूदा किशोर न्याय अधिनियम, 2000 की जगह लेगा। अब राज्यसभा में इस विधेयक के सोमवार को पेश होने की उम्मीद है। नए विधेयक में छोटे, गंभीर और जघन्य अपराधों को स्पष्ट तौर पर परिभाषित और श्रेणीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही हर श्रेणी के अपराध के लिए विभेदित प्रक्रियाओं को भी परिभाषित किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अगस्त 2014 में लोकसभा में किशोर न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) विधेयक, 2014 पेश किया किया था।

विधेयक को एक स्थायी समिति को भेज दिया गया था, जिसने कानूनी तौर पर किशोर की उम्र 18 वर्ष रखने की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए, जघन्य मामलों में किशोर की उम्र घटाकर 16 साल करने का फैसला किया था। बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून संकाय में प्रोफेसर वेद कुमारी ने कहा, “यह संशोधन न्यायोचित नहीं है। इस विधेयक के पीछे की दलील मेरी समझ से परे है। यह घातक होगा।”

वकील करुणा नंदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वयस्कों के साथ जेल भेजे जाने से किशोरों पर गलत प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस विधेयक का विरोध किया। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जघन्य घटना के लिए किशोरों की उम्र घटाने से आदिवासी और जनजातीय समुदाय के किशोर इससे ज्यादा पीड़ित होंगे। किशोर न्याय अधिनियम को संशोधित करने के लिए 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद ही कदम उठाए जाने लगे थे। इस वारदात में दिल्ली में एक युवती के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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