Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अब सुरक्षाबलों की बातचीत नहीं सुन सकेंगे नक्सली

Published

on

naxal-problem

Loading

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में तैनात पुलिस अब डिजिटल वायरलेस सेट और डिजिटल फोन का उपयोग करेगी। इस व्यवस्था के बाद वहां सक्रिय नक्सली अब पुलिस की गोपनीय बातचीत नहीं सुन सकेंगे। शुरू में 500 वायरलेस और फोन खरीदने की योजना है। इसके उपयोग से दो लोगों के बीच बातचीत को डिकोड करना मुश्किल होगा।

पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वित्त एवं योजना संजय पिल्लै ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों ने बताया कि अभी तक पुलिस के पास पुराने वायरलेस सेट थे। नक्सली एक खास तरह के स्कैनर की मदद से वायरलेस सेट से दूसरे वायरलेस सेट तक संदेश पहुंचने के पहले ही ट्रेस कर लेते थे। इससे पुलिस की मौजूदगी के स्थान की भी जानकारी उन्हें हो जाती थी। कुछ बड़े ऑपरेशनों को नक्सलियों ने इसी का लाभ उठाकर अंजाम दिया था।

डिजिटल वायरलेस सेट की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें दो लोगों के बीच हुई बातचीत कोड में कन्वर्ट होगी जो दूसरी सेट में पहुंचने के बाद ही डिकोड होगी। उसे बीच रास्ते में डिकोड नहीं किया जा सकेगा। इसमें एक वायरलेस सेट की बातचीत दूसरा डिजिटल वायरलेस सेट वाला ही सुन सकेगा। तीसरा व्यक्ति बीच में बातचीत सुन ही नहीं सकेगा। हालांकि डिजिटल वायरलेस सेट और सेलफोन लेने के बाद बस्तर में उसका उपयोग कहां किया जाएगा यह सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह गोपनीय रखा गया है।

पता चला है कि धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा तथा राजनांदगांव में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसका कारण यही है कि इन क्षेत्रों में नेटवर्क की स्थिति काफी खराब है। वैसे अभी तक पुराने वायरलेस सेट से नक्सली संदेश को ट्रेस कर सुरक्षाबलों के आने-जाने के रास्ते और सर्चिग आदि का पता आसानी से लगा लेते थे।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending