Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका पर मंडराया चिकनगुनिया का खतरा

Published

on

Chikungunya-america

Loading

वाशिंगटन। एक नए शोध में आशंका जताई गई है कि अमेरिका में जल्द ही मच्छर-जनित चिकनुगुनिया का वायरस फैल सकता है। ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन में इस रोग के नियंत्रण के लिए मच्छरों की संख्या कम करने के प्रयास बढ़ाने पर जोर दिया गया।

गाल्वेस्टन की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच के शोधकर्ता स्कॉट वीवर ने कहा कि चिकनगुनिया दुनियाभर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। शोधकर्ताओं ने बताया कि चिकनगुनिया के लक्षणों और संयुक्त सूजन को नियंत्रित करने के अलावा, इससे संक्रमित लोगों के उपचार के लिए कोई खास थेरेपी या प्रमाणित टीके नहीं है। वीवर ने कहा, “जब तक चिकनगुनिया बुखार के लिए कोई उपचार या टीका नहीं आता, तब तक इससे बचाव के लिए मच्छरों को कम करके और चिकनगुनिया के वायरस फैलाने वाले एडिस एइगप्ती और एडिस अल्बोपिक्टस मच्छरों का इंसान से संपर्क रोककर इसे फैलने से रोका जा जा सकता है।”

पानी को एक जगह ठहरने से रोककर, पानी भरने के कंटेनरों को नियमित तौर पर करके चिकनगुनिया के मच्छरों को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही सुरक्षात्मक कपड़े पहनकर अथवा मच्छरों से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग करके चिकनगुनिया से बचाव किया जा सकता है। चिकनगुनिया की पहचान सबसे पहले 1952 में वर्तमान तंजानिया में हुई थी। इसके बाद अफ्रीका, एशिया, दक्षिण प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में भी यह वायरस फैलने की पुष्टि हुई थी। दिसंबर 2013 में कैरिबियन में अमेरिकी क्षेत्र का पहला चिकनगुनिया का मामला सामने आया था।

अध्ययन में बताया गया कि इसके बाद अमेरिका के 44 देशों या क्षेत्रों में चिकनगुनिया के मामले सामने आ चुके हैं। चिकगुनिया के लक्षण वायरसजनित मच्छर के काटने के तीन दिन बाद दिखते हैं। इसमें बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द जैसे लक्षण सामान्य हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि छोटे बच्चों, बूढ़ों और मधुमेह या दिल की बीमारियों वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

Continue Reading

Trending