अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका में ट्रंप के विरोध में लाखों ने महिला मार्च में हिस्सा लिया
वाशिंगटन | महिला अधिकारों के समर्थन और अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में 10 लाख से भी अधिक लोगों ने पूरे अमेरिका और दुनियाभर में मार्च किया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सदस्य, दिग्गज अभिनेत्रियां और असंख्य नागरिक आव्रजन, स्वास्थ्य सुविधा और कई अन्य मुद्दों पर ट्रंप के विरोध में शनिवार को आयोजित महिला मार्च में शामिल हुए।
कई महिलाओं ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सामने आई एक रिकॉर्डिग के प्रतीक के तौर पर गुलाबी रंग की हैट्स पहनी हुई थी, जिसमें ट्रंप ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की बात की थी।
सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन वाशिंगटन में हुआ। प्रदर्शनकारी उसी पेनसिल्वानिया एवेन्यू में भारी संख्या में एकत्र हुए थे, जिस पर शुक्रवार को ट्रंप अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए चलकर गए थे। शनिवार शाम को प्रदर्शनकारियों की भीड़ व्हाइट हाउस की ओर उमड़ी।
फिल्मकार माइकल मूर, स्त्रीवादी ग्लोरिया स्टेनेम, संगीत जगत की हस्तियां मैडोना और एलिशिया कीज, अभिनेत्री स्कार्लेट जॉनसन जैसी कई सेलेब्रिटीज ने आव्रजन, मुस्लिमों और महिलाओं पर ट्रंप के विचारों को लेकर उन पर हमला बोला।
बोस्टन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बोस्टन में 1,20,00 से 1,25,000 लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने बोस्टन में प्रदर्शनकारियों से विद्रोह करने का आह्वान करते हुए कहा, “हम रो सकते हैं, हम कराह सकते हैं या फिर हम लड़ सकते हैं। हम यहां कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होने के लिए आए हैं। हम चुप नहीं रहेंगे। हम अपने विश्वास के लिए लड़ेंगे।”
सीएनएन के मुताबिक, लॉस एंजेलिस में एक लाख से अधिक लोगों ने मार्च किया। न्यूयॉर्क शहर में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप टॉवर की ओर मार्च किया, लेकिन उन्हें फिफ्थ एवेन्यू पर रोक दिया गया।
लंदन से लेकर, तेल अवीव, मेलबर्न, कोसोवो में स्थित प्रिस्टिना, बर्लिन बुडापेस्ट, बार्सिलोना समेत दुनियाभर के सभी प्रमुख शहरों में ट्रंप के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
मैडोना ने वाशिंगटन में महिला मार्च में हिस्सा लिया
पॉप गायिका मैडोना ने वाशिंगटन में आयोजित महिला मार्च में अचानक मौजूदगी दर्शा कर सभी को चौंका दिया। एफे न्यूज के मुताबिक, मैडोना ने कहा कि आठ नवंबर को ट्रंप की जीत के बाद उन्हें ‘व्हाइट हाउस को ही उड़ा देने का ख्याल आया था’, लेकिन इसकी जगह उन्होंने ‘प्यार भरा व्रिदोह’ करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, “यहां से हम क्रांति और विद्रोह की शुरुआत करते हैं और महिला होने के नाते अत्याचार के इस नए युग को अस्वीकार करते हैं।” उन्होंने कहा, “हां, मैं गुस्से में हूं। हां, मैं आक्रोश से भरी हूं।”
अपने गुस्से की इसी ताकत के भाव के साथ उन्होंने ‘कैपिटल’ के समीप अपना गीत ‘एक्सप्रेस योरसेल्फ’ गाया और उस पर डांस किया, जहां तड़के से ही प्रदर्शकारी एकत्र हो रहे थे। प्रशासन के अनुसार करीब पांच लाख लोगों ने मार्च में हिस्सा लिया। मार्च में शामिल लोगों में पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी भी थे।
अमेरिका की कैपिटोल इमारत के पास बड़े पैमाने पर शुरू हुई रैली के बीच करीब तीन घंटे तक अभिनेत्री स्कार्लेट जोहानसन, एशले जड और अमेरिका फरेरा के साथ ही मशहूर वृत्तचित्र निर्माता माइकल मूर समेत कई वक्ताओं ने नागरिक और मानवाधिकारों की रक्षा की मांग करते हुए ट्रंप की निंदा की।
मूर ने शनिवार को प्रकाशित एक समाचार पत्र को फाड़ दिया, जिसके मुखपृष्ठ पर ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की खबर थी।
इस महिला मार्च के अलावा पूरे अमेरिका में कई अन्य विरोध मार्च भी आयोजित किए गए। इसी बीच दुनियाभर के शहरों में ट्रंप विरोधी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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