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बिजनेस

आइडिया-वोडाफोन विलय को मंजूरी अंतिम चरण में : दूरसंचार सचिव

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नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)| दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने मंगलवार को कहा कि प्रमुख दूरसंचार कंपनियों -आइडिया सेलुलर और वोडाफोन इंडिया- के बीच विलय को मंजूरी अंतिम चरण में है। सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर सुंदरराजन ने कहा, आइडिया-वोडाफोन विलय अपने अंतिम चरण में है, क्योंकि उन्हें एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का अनुमोदन बाकी है तथा लाइसेंस को भी थोड़ा उदार बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

उन्होंने कहा, तो कई तरह की मंजूरियां शामिल हैं। इसमें एक बार में मंजूरी देने जैसा मामला नहीं है।

सुंदरराजन ने कहा कि राष्ट्रीय दूरसंचार नीति का मसौदा अंतिम चरण में है। उसके बाद इसे दूरसंचार आयोग के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और उसके बाद इसे सरकार के पास भेजा जाएगा।

सचिव ने उम्मीद जताई की पांचवी पीढ़ी के नेटवर्क (5जी) के लिए कार्ययोजना जून तक तैयार हो जाएगी।

सीओएआई द्वारा आयोजित ‘कैटलाइजिंग 5जी लांच इन इंडिया’ कार्यक्रम में सुंदरराजन ने कहा, 5जी प्रौद्योगिकी विकास से अगले दशक और उससे आगे के लिए विस्तारित कनेक्टिविटी की जरूरतों को पूरा करने के लिए नई सेवाओं को सक्षम करने, नए उद्योगों को जोड़ने, विभिन्न प्रकार के उपकरणों, और नए उपयोगकर्ता अनुभवों को सशक्त बनाने की उम्मीद है।

सीओएआई के महानिदेशक एस. मैथ्यूज ने कहा, 3जीपीपी (तीसरी पीढ़ी की भागीदारी परियोजना) द्वारा तय कि गए नए मानकों और विशेषज्ञों की यह बैठक, भारतीय दूरसंचार कंपनियों को नई प्रौद्योगिकियों में बदलाव के लिए सक्षम बनाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभिन्न क्षेत्रों की मांग अच्छी तरह से पूरी हो सके।

3जीपीपी एक मोबाइल संचार उद्योग सहभागिता है, जो मानकों और मोबाइल संचार मानकों के विकास का प्रबंधन करती है।

सीएओआई ने एक बयान में कहा, इसने कई मोबाइल संचार मानक विकसित किए हैं, जिसमें जीएसएम से लेकर यूएमटीएस और एलटीई और अब 5जी शामिल है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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