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नेशनल

आईएनएस तरासा भारतीय नौसेना में शामिल

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मुंबई, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| तटीय और अपतटीय क्षेत्र की निगरानी व गश्त को ध्यान में रखते हुए युद्धपोत ‘आईएनएस तरासा’ को मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट के नौसेना में शामिल होने से निगरानी क्षमता मजबूत होगी। पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) प्रमुख वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा ने कहा कि ‘उम्मीद है कि वह (आईएनएस तारस) अपना कर्तव्य ईमानदारी के साथ निभाएगी और डब्ल्यूएनसी की ख्याति फैलाएगी।’

उन्होंने कहा कि आईएनएस तरासा को उसके मुख्य कार्य तटों और अपतटों की निगरानी व गश्त के लिए अच्छी मजबूती, उच्च गति और परिवर्तनशीलता के साथ बनाया गया है।

लूथरा ने पोत के कर्मियों और वारशिप ओवरसीइंग टीम, कोलकाता की भी जहाज नौसेना को सौंपने से पहले सभी हथियारों और सेंसर का परीक्षण करने के लिए सराहना की।

गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एवं इंजीनियर्स कोलकाता ने यह चौथा और अंतिम वाटर जेट एफएसी बनाया है।

इससे पहले दो आईएनएस तारमुगली और आईएनएस टिहायु को वर्ष 2016 में नौसेना में शामिल किया गया था और यह विशखापत्तनम में तैनात हैं। तीसरे, आईएनएस टिल्लानछांग को इस वर्ष मार्च में नौसेना में शामिल किया गया था और यह कारवर में तैनात है।

ये जहाज भारतीय नौसेना के कार निकोबार क्लास एफएसी का उन्नत रूप हैं जिसे भारत में जीआरसीई कोलकाता ने ही बनाया है।

आईएनएस तरासा 50 मीटर लंबा है और इसमें तीन वाटरजेट लगे हुए हैं जो इसे 35 नोट यानी 65 किलोमीटर प्रति घंटा की गति प्रदान करते हैं। इस जहाज में 30 एमएम मुख्य बंदूक, कई हल्की, मध्यम और भारी मशीनगन तैनात की गई हैं। लेफ्टिनेंट कमांडर प्रवीण कुमार इस पोत की कमान संभालेंगे।

तटीय निगरानी के अलावा यह पोत त्वरित अभियान जैसे ईईजेड पेट्रोल, कानून प्रवर्तन, राहत और बचाव जैसे असैन्य अभियान, मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने के लिए भी काम में लाया जा सकता है।

यह आईएनएस तरासा का दूसरा संस्करण है। पहले आईएनएस तरासा ने भारतीय नौसेना में 1999 से 2014 तक अपनी सेवाएं दी थीं। बाद में इसे सेशेल्स को उपहार स्वरूप दे दिया गया था।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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