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आतंकी सलीम ने 8 साल पहले छोड़ा था घर

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फतेहपुर (उप्र), 18 जुलाई (आईएएनएस/आईपीएन)। मुंबई हवाईअड्डा पर एटीएस द्वारा पकड़ा गया 42 वर्षीय कथित आतंकी सलीम उर्फ दानिश फतेहपुर जनपद के हथगाम थाना क्षेत्र के बंदीपुर गांव का मूल निवासी है। सलीम चार भाई है, दो बहनें हैं। इनमें सलीम सबसे बड़ा, इसके बाद है कलीम, जो विकलांग है। तीसरा है मुस्तकीम और चौथा नसीम। दो बहनों में नसीबा बेगम व नसरीन बेगम की निकाह हो चुकी है।

पिता मुकीमउद्दीन का तीन माह पहले इंतकाल हो चुका है। घर पर उसकी लगभग 75 वर्षीय मां एहसान फातिमा अपने तीन बेटों के साथ रहती हैं। पकड़े गए कथित आतंकी की ससुराल इलाहाबाद में है। उसकी पत्नी अपने बच्चों सहित पति के भाग जाने के बाद मायके में रहती हैं। सलीम का अपने घर से लगभग आठ वर्ष पूर्व से कोई वास्ता नहीं था, ऐसा परिजनों का कहना है। वैसे उसकी हरकतों से परिजन हमेशा परेशान रहते थे। बावजूद इसके संशयपूर्ण स्थिति बरकरार है।

पूर्व में कथित आतंकी सलीम का लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके आधार पर सऊदी से लौटते समय एटीएस ने उसे मुंबई हवाईअड्डा पर रोक कर पूछताछ की और फिर हिरासत मंे ले लिया।

कथित आतंकी के पिता के पास पांच बीघा कृषि योग्य जमीन थी, जिसमें दो बीघा नसीमा व नसरीन की शादी के समय बेच दी गई थी। अब चार भाइयों के बीच तीन बीघा खेती बची है।

गांव के लोगों का कहना है कि यह परिवार बेहद गरीब है। पकड़े गए कथित आतंकी के भाई विकलांग कलीम का कहना है कि पिता के निधन की सूचना के बावजूद सलीम गांव नहीं आया था। इसके बाद दो बहनों के निकाह में भी वह सरीक नहीं हुआ था।

कथित आतंकी के पकड़े जाने की खबर पर गांव में लोगों का जहां जमावड़ा लग गया, वहीं हथगाम पुलिस भी उसके घर के बाहर मौजूद रहकर हकीकत से रू-ब-रू होने का प्रयास कर रही है। सलीम के पकड़े जाने की खबर से गांव ही नहीं रिश्तेदारों व आस-पास के गांव के लोग भी हैरान हैं।

सलीम की शिक्षा-दीक्षा के साथ-साथ उसके क्रिया-कलापों का स्पष्ट हवाला नहीं मिलता। इस जनपद में उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं है। यही नहीं सलीम का आतंकियों से जुड़ाव लोगों की समझ से फिलहाल परे है, लेकिन जहां तक देश की सुरक्षा और संप्रभुता का सवाल है, हर सुनने वाले शख्स ने इस मामले को न सिर्फ गंभीरता से लिया, बल्कि कई गड़े मुर्दे भी उखाड़े।

सवाल यह उठता है कि सलीम के तार वहां से कैसे जुड़े। क्या इस जिले में भी स्लीपर सेल की संभावित कड़ी मौजूद है। या फिर लगभग डेढ दशक पूर्व सिमी के तथाकथित दशहतगर्दो के खिलाफ तत्कालीन राजनाथ सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बाद वह सीधेतौर पर आतंकवादियों के ताल्लुक में आ गया।

फिलहाल इस मामले में प्रशासन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जिम्मेदारों का कहना है कि जब तक कोई ऊपर से आदेश नही आता अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाएगी। इधर जनपद में अघोषित अलर्ट जारी कर दिया गया है। सार्वजनिक स्थानों खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में खासतौर पर चौकसी बरती जा रही है। पूजास्थलों पर भी सुरक्षा कर्मियों की घूरती नजरें हर संदिग्ध पर गड़ती देखी गईं।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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