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प्रादेशिक

आप विधायक जरनैल सिंह की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ी

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जरनैल सिंह को राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनकी अग्रिम जमानत अवधि नौ जुलाई तक बढ़ा दी है। जरनैल सिंह पर एक अभियंता से कथित तौर पर मारपीट करने और उसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने का आरोप है। मामले की जांच कर रही एजेंसी ने न्यायालय में दाखिल अपनी प्रस्तुतियों में कहा कि जरनैल सिंह के प्रभाव के कारण अभियंता जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इसके बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता ने पुलिस से शिकायत करने वाले अभियंता को तुरंत और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

न्यायालय जरनैल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। तिलक नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जरनैल सिंह पर सरकारी दस्तावेज फाड़ने और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता अतहर मुस्तफा को भ्रष्टाचार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का भी आरोप है। मामला उस दौरान बढ़ गया था जब मुस्तफा अपने दल और पुलिसकर्मियों के साथ कृष्णा पार्क एक्सटेंशन इलाके में एक अवैध निर्माण को ढहाने के लिए गए थे। छह मई को उच्च न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत दी थी।

पुलिस की ओर से न्यायालय में पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) संजय जैन ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि विधायक के प्रभाव के कारण मुस्तफा अब जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह अस्पताल भी नहीं गए जिसके चलते चिकित्सकीय कानूनी प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि जरनैल सिंह और एक अन्य व्यक्ति अमरजीत सिंह के मोबाइल फोन को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इनके फोन में घटना का वीडियो है।

इस पर न्यायालय ने जांच कर रहे अधिकारी को तीन दिनों के भीतर मोबाइल फोन एफएसएल भेजने का निर्देश दिया और एफएसएल निदेशक को प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा। न्यायमूर्ति ने कहा, “न्यायालय यह दोहराता है कि याचिकाकर्ता शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार से संपर्क करने के लिए विवश नहीं करेगा, धमकी नहीं देगा न ही प्रभाव जमाएगा। अंतरिम आदेश नौ जुलाई तक बरकरार रहेगा।”

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने विधायक की गिरफ्तारी की मांग की जिस पर याचिकाकर्ता के वकील और आप सदस्य एच.एस. फुल्का ने न्यायालय में कहा कि जरनैल सिंह मामले की जांच में सहयोग कर रहे हैं इसीलिए उनकी गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जरनैल सिंह सात, आठ और 14 मई को जांच में शामिल हुए थे और उन्होंने अपना फोन में सौंप दिया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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