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आम बजट में वायु प्रदूषण से निपटने खातिर खास योजना

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नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने केंद्रीय बजट 2018-19 भाषण में बढ़ते वायु प्रदूषण को जगह दी और इसे चिंता का विषय करार दिया। उन्होंने इस विषय पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इस खतरे से निपटने में सहयोग की घोषणा की। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय राजधानी और क्षेत्र के आसपास फैले सबसे खराब संकटों में से एक वायु प्रदूषण का जिक्र करते हुए जेटली ने फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की। फसल अवशेष (पराली) को जलाया जाना वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारक बनते हैं।

मंत्री ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों को इस मद में मदद के रूप में केंद्र सरकार कितनी रकम देगी।

जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा, दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण एक चिंता का विषय है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों को इस समस्या को हल करने और फसल अवशेषों का प्रबंध करने के लिए सब्सिडी मशीनरी में समर्थन देने के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी।

नवंबर और दिसंबर, 2017 में विशेषकर पंजाब और हरियाणा में फसलों के अवशेष जलाने का मुद्दा मुख्य था, जिससे दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर बदतर हो गया था और इस कारण पर्यावरण निकायों ने निर्माण, उद्योग और ट्रकों की आवाजाही जैसी प्रदूषणकारी गतिविधियों पर आपात स्तर के नियम लागू कर दिए थे। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।

नवंबर में पंजाब और हरियाणा में करीब 3.5 करोड़ टन फसलों के अवशेष जलाए गए थे। जबकि हरित प्राधिकरण ने फसलों के अवशेष जलाए जाने पर राज्य और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी, वहीं किसानों ने कहा था कि फसलों का प्रबंधन करने वाली मशीनरी बहुत महंगी है, जिसके लिए उन्होंने सरकार से समर्थन की मांग की थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने केंद्र से दो हजार करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी, ताकि किसानों को फसल प्रबंधन में मदद की जा सके।

वित्तमंत्री ने हालांकि इस योजना के संदर्भ में दिल्ली व एनसीआर का ही नाम लिया, जबकि हाल ही एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पांच साल से कम उम्र के कम से कम 47 लाख बच्चे खतरनाक धूलकण प्रवाहिक घनत्व के साथ बुरे वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रह रहे हैं।

रिपोर्ट के विश्लेषण में पाया गया कि देश की आबादी में 53 फीसदी लोगों के पास ही जीने लायक वायु गुणवत्ता है, साथ ही दर्शाया गया है कि बाकी बचे 47 फीसदी आबादी के पास किस तरह की वायु गुणवत्ता है, यह अज्ञात है।

एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 11 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हुई है। 2017 की एक अन्य रिपोर्ट में दर्शाया गया कि भारतीयों की औसत आयुसीमा चार साल तक कम हो गई है, जबकि दिल्लीवालों की आयुसीमा नौ साल तक कम हो गई है।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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