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आयोग का नाम बदलने से नहीं बदलेगी देश की तकदीर : मायावती

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लखनऊ| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी आयोग का नाम बदलने से देश की तकदीर नहीं बदलेगी। मायावती ने कहा कि देश में बदलाव तभी आएगा, जब सरकार गरीबों और बेरोजगारों के लिए जमीनी स्तर पर अच्छी योजनाओं को मूर्त रूप देगी और दुर्भाग्य से ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

बसपा प्रमुख शनिवार को मॉल एवेन्यू स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से मुखातिब थीं। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।

मायावती से यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार ने योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया है, तो उन्होंने कहा, “आयोग का नाम बदलने से देश की तकदीर नहीं बदलेगी। इसके लिए जमीनी स्तर पर काम होना चाहिए।”

नोएडा के निलम्बित चीफ इंजीनियर यादव सिंह के मामले में मायावती ने ज्यादा कुछ न बोलते हुए सिर्फ इतना कहा कि इस मामले में कोई भी सवाल राज्य सरकार से पूछा जाना चाहिए।

मायावती ने कहा, “केंद्र की मोदी सरकार को बने हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन सरकार की कार्यशैली से नहीं लगता कि देश में किसी तरह का बदलाव आ रहा है। चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि विदेशों में जमा कालाधन देश में आएगा तो प्रत्येक व्यक्ति को 15 से 20 लाख रुपये मिल जाएंगे, लेकिन यह सब छलावा था।”

मायावती ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में जो कमी हो रही है, वह मोदी सरकार की मेहरबानी नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों की कीमत कम हुई है, इसलिए यहां भी दामों में कमी हुई है।

महंगाई के मुद्दे पर मायावती ने कहा कि महंगाई कागजों में तो कम होती दिखाई दे रही है, लेकिन इसका लाभ आम जनता को जमीनी स्तर पर मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को मिले देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पर मायावती ने सवाल खड़े किए। मायावती ने कहा, “जिन दो लोगों को भारत रत्न दिया गया है वह सरकार की जातिवादी मानसिकता की सोच को दर्शाती है। अच्छा होता कि यह पुरस्कार दलित महापुरुषों को भी दिया जाता, जिन्होंने समाज के लिए अच्छा काम किया है।”

मायावती ने इस दौरान बसपा के संस्थापक कांशीराम और ज्योतिबा फुले का नाम लेते हुए कहा कि भारत रत्न देने में भी केंद्र सरकार ने पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया है।

उन्होंने कहा, “कई दलित महापुरुष भी इस पुरस्कार के हकदार हैं और उन्हें भी यह सम्मान दिया जाना चाहिए।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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