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आरक्षण पर भागवत की टिप्पणी लालू-नीतीश के लिए वरदान

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इमरान खान

पटना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की आरक्षण पर टिप्पणी बिहार चुनाव में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के लिए वरदान बनकर सामने आई है। भागवत ने शिक्षा और रोजगार में आरक्षण की नीति की समीक्षा की वकालत की है। संघ ने हालांकि बाद में साफ किया कि वह मौजूदा आरक्षण नीति में बदलाव की बात नहीं कह रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं का मानना है कि भागवत का बयान उन्हें फायदा पहुंचाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों के बीच दोनों पार्टियों के लिए समर्थन बढ़ेगा। भाजपा इस बयान के बाद फंस गई है।

संघ ने सफाई दी, भाजपा ने इससे किनारा कर लिया, लेकिन लालू-नीतीश का मानना है कि तीर कमान से निकल चुका है। फायदा तो उन्हें मिलेगा। भाजपा नेता मानते हैं कि बिहार जैसे राज्य में, जहां जाति की बड़ी भूमिका होती है, इस तरह की कोई भी बात चुनाव पर असर डालेगी कि आरक्षण को वापस लिए जाने के बारे में सोचा जाना चाहिए। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यह भाजपा को एक कोने में ले जाने के समान है।

पिछड़ों, अति पिछड़ों और दलितों में अच्छी पकड़ रखने वाले नीतीश कुमार लगातार भाजपा और संघ पर इस मामले में हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ‘यह एक खतरनाक और गैर संवैधानिक सोच’ है। उनका कहना है कि राजनीतिक मजबूरी की वजह से भाजपा ने अपने को इस बयान से अलग किया है।

सामाजिक-राजनीतिक मामलों के विश्लेषक सरूर अहमद ने कहा कि बिहार चुनाव में ‘मंडल राजनीति’ फिर से जी उठी है। प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार पिछड़ों, खासकर यादवों के बारे में बात कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह खुद मोदी को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बता रहे हैं, टिकट बंटवारे में उन्होंने जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है, लेकिन नीतीश-लालू को जातिवादी बता रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछड़ों-दलितों में ऐसे लोग, जो असमंजस में थे, अब वे पूरी तरह राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन की तरफ झुक जाएंगे। लालू यादव ने सबसे पहले भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि देश की 80 फीसदी आबादी दलितों और पिछड़ों की है, जो आरक्षण पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। लालू ने कहा, “संघ आरक्षण खत्म करने की बात कर रहा है। हम इसे जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने की बात कर रहे हैं।” उन्होंने यहां तक कहा, “है कोई माई का लाल तो आरक्षण खत्म करके दिखा दे।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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