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प्रादेशिक

आरक्षण समर्थकों की 24 सितंबर को लखनऊ में हुंकार

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लखनऊ। आरक्षण समर्थकों ने ‘आरक्षण बचाओ, भागीदारी आंदोलन’ के तहत 24 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। आरक्षण समर्थकों ने कहा कि उप्र में दलित अधिकारियों, कर्मचारियों की हो रही पदावनति से दलितों में रोष है। दलितों को उस गुनाह की सजा दी जा रही है, जो उन्होंने किया ही नहीं।

आरक्षण समर्थकों की दलील है कि सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण अधिनियम धारा-3(7) को समाप्त कर दिया, जिसमें प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था थी। न्यायालय ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण के नियम बनाने से पहले एम. नागराज के मामले में दिए गए निर्देशों के अनुसार, दलितों के प्रतिनिधित्व की स्थिति, उनके पिछड़ेपन तथा प्रशासनिक दक्षता पर पड़ने वाले प्रभाव के आंकड़े एकत्र किए बिना प्रोन्नति में आरक्षण के नियम बना दिए गए। इसलिए इस नियम की धारा-3(7) को सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया।

आरक्षण समर्थकों ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) में मौजूद है, जिसे एम. नागराज के मामले में आए निर्देशों के आलोक में लागू किया जा सकता है। बिहार, उत्तरांचल, हरियाणा आदि प्रदेशों में एम. नागराज मामले में आए निर्देशों के अनुसार कमेटी का गठन कर आंकड़े एकत्र किए गए और नए सिरे से प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था लागू की।

आरक्षण समर्थकों ने कहा कि उनकी मांग है कि आंकड़े एकत्र करने के लिए तत्काल एक कमेटी का गठन किया जाए और उसकी रिपोर्ट के आधार पर पदावनत कार्मिकों को प्रतिनिधित्व एवं अन्य शर्ते पूर्ण होने की स्थिति में उन्हें पुन: प्रोन्नत पदों पर पदस्थापित किया जाए।

आंदोलन के प्रथम चरण में उप्र के समस्त जनपदों में 24 सितंबर को जनपद मुख्यालयों पर धरना देकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। लखनऊ में यह धरना लक्ष्मण मेला मैदान में आयोजित किया गया है। द्वितीय चरण में समस्त जनपदों एवं राज्य मुख्यालयों में सम्मेलन का आयोजन होगा। तृतीय चरण में उप्र की राजधानी में रैली आयोजित की जाएगी तथा अंतिम चरण में संसद के सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर पांच लाख दलित प्रदर्शन करेंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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