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प्रादेशिक

आरटीआई : दो साल बाद मिली सूचना भी भ्रामक

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आरटीआई, दो साल बाद, सूचना भी भ्रामक, राज्य सूचना आयोग

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के खुटार में राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप के बाद भी दो साल पहले सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी अधूरी और भ्रामक भेजे जाने का मामला सामने आया है। सूचनाओं में 200 से अधिक प्रतियां बिना प्रमाणित दी गई हैं। इनमें कई ऐसे कागज हैं, जिनसे सूचनाओं का कोई मतलब नहीं है। आवेदक ने राज्य सूचना आयोग व डीएम को पत्र भेजकर अधूरी व भ्रामक सूचना भेजने वाले प्रधान व सचिव पर कार्रवाई कर पूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।

खुटार के गांव बेला निवासी अमित कुमार शुक्ला ने 25 मार्च, 2013 को खंड विकास अधिकारी को पत्र भेजकर ग्राम निधि, मनरेगा, पौधरोपण, बैंक खातों के विवरण संबंधी नौ बिंदुओं पर जनसूचना अधिकारी के तहत सूचना मांगी थी। समय पर सूचनाएं न मिलने के कारण आवेदक ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली। छह माह बाद सूचना आयोग ने बीडीओ को तलब कर सूचनाएं देने का आदेश दिया। एक माह पूर्व ग्राम पंचायत सचिव प्रमोद वर्मा द्वारा डाक से बिना दिनांक अंकित किए सूचनाएं भेजी गईं।

अमित ने जब उनकी गहनता से जांच की तो सूचनाएं अधूरी व भ्रामक थीं। नौ में से कई ऐसे बिंदु थे, जिनका सूचना में जिक्र तक नहीं किया गया, बल्कि सूचनाओं के अलग हटकर आवेदक को भ्रमित करने के लिए ऐसी प्रतियां भी भेजी गईं, जिनका सूचनाओं से कोई संबंध नहीं है। आवेदक ने अब जिलाधिकारी से मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। अमित ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वह उच्च न्यायलय व लोकायुक्त की शरण में जाने को बाध्य होंगे।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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