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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायली कैबिनेट ने ईरानी परमाणु समझौते का किया विरोध

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तेल अवीव| इजरायली सुरक्षा कैबिनेट की शुक्रवार को चली तीन घंटे की बैठक के बाद विश्व शक्तियों और ईरान के बीच गुरुवार को स्विटजरलैंड में एक प्रारूप समझौते पर बनी सहमति का सर्वसम्मति से विरोध जताया गया। जेरूसलम पोस्ट की रपट के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विश्व शक्तियों और ईरान के बीच एक समझौते के प्रारूप पर बनी सहमति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को अपनी सुरक्षा कैबिनेट की एक बैठक बुलाई। इसके पहले नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान इस समझौते का विरोध किया था।

ओबामा ने सहमति बनने के चंद घटों के भीतर नेतन्याहू को फोन किया और इस सहमति को ईरानी परमाणु कार्यक्रम के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति बताया, जिससे परमाणु हथियार हासिल करने के ईरान के रास्ते बंद किए जा सकते हैं। नेतन्याहू ने हालांकि ओबामा के साथ बातचीत के बाद एक बयान में कहा कि स्विटजरलैंड के लुसाने में जिस प्रारूप समझौते पर सहमति की घोषणा की गई है वह इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा होगा। नेतन्याहू ने ओबामा से कहा, “यह समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वैधानिकता प्रदान करेगा, ईरान की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा और पूरे मध्यपूर्व और उसके आगे ईरानी आक्रमण और आतंक को बढ़ाएगा।” नेतन्याहू ने कहा, “यह क्षेत्र में परमाणु प्रसार और एक भयानक युद्ध के खतरों को बढ़ाएगा।”

इजरायल ने अतीत में कहा है कि परमाणु हथियार विकसित करने से ईरान को रोकने के लिए इजरायल एकतरफा कार्रवाई पर विचार करेगा। इस चेतावनी का अर्थ यह होता है कि इजरायल ईरानी परमाणु केंद्रों के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर सकता है। यह बयानबाजी हालांकि पिछले वर्ष के दौरान सिर्फ बयानबाजी ही साबित हुई, लेकिन इजरायली सैन्य योजना निदेशालय के मेजर जनरल निमरोद शेफर ने कहा कि इसकी संभावना अभी भी बनी हुई है। शेफर ने शुक्रवार को कहा, “जैसा कि हमने कहा है, सैन्य विकल्प हमेशा खुला हुआ है। हो सकता है कि हाल में मीडिया में यह बात न आई हो, लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं कि नीति में कोई बदलाव हुआ है।”

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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