Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

इन्फोसिस बोर्ड ने 1,150 रुपये प्रति शेयर बायबैक को दी मंजूरी

Published

on

Loading

बेंगलुरू, 19 अगस्त (आईएएनएस)| वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस ने शनिवार को 11.3 करोड़ शेयरों के बायबैक का ऐलान किया है, जो 5 रुपये के फेस वैल्यू पर 1,150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर किया जाएगा। इन्फोसिस ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल नियामकीय रिपोर्ट में कहा, निदेशक मंडल ने शेयरधारकों से 1,150 रुपये प्रतिशेयर के हिसाब से पांच रुपये के फेस वैल्यू के 11.3 करोड़ रुपये के बायबैक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो 13,000 करोड़ रुपये का होगा।

यह ऑफर कुल प्रदत्त पूंजी और फ्री रिजर्व का 20.1 फीसदी है, जो 11.3 करोड़ शेयर या कुल शेयरों का 4.92 फीसदी है।

कंपनी द्वारा बायबैक का यह फैसला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का के इस्तीफा देने और 2018 के 31 मार्च तक नए सीईओ की नियुक्ति होने तक कार्यकारी उपाध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद किया है।

इन्फोसिस ने अपने शेयरों का बायबैक कीमत 1,150 रुपये निश्चित किया है, जो शुक्रवार को सिक्का के इस्तीफा देने के बाद गिरकर 923.10 प्रति शेयर पर बंद हुआ था। सीईओ के इस्तीफा के बाद इंफोसिस के शेयर 9.6 फीसदी गिरे थे।

कंपनी ने 16 अगस्त को अपने शेयरों को कारोबार के लिए बंद कर दिया था, क्योंकि बोर्ड की बैठक में बायबैक पर फैसला किया जाना था। अब इन्फोसिस के शेयर 22 अगस्त को खुलेंगे।

बायबैक ऑफर में शेयर हस्तांतरण कर, जीएसटी, स्टैंप शुल्क, फाइलिंग शुल्क, एडवाइजर्स शुल्क, ब्रोकरेज, सार्वजनिक घोषणा का खर्च, प्रिटिंग और भेजने का खर्च समेत अन्य खर्च शामिल नहीं हैं।

इस बायबैक प्राइस में पिछले तीन महीनों के औसत बाजार मूल्य के साथ 19 फीसदी प्रीमियम दिया गया है।

नियामकीय रिपोर्ट में कंपनी ने कहा, यह बायबैक शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है, जिस पर जल्द ही वोटिंग के माध्यम से फैसला किया जाएगा।

बोर्ड ने एक बायबैक समिति का गठन किया है जिसमें सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, विशाल सिक्का, अंतरिम सीईओ यू.बी. प्रवीण राव, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) एम. डी. रंगनाथ, उप सीएफओ जयेश संघराजका, परामर्शदाता इंद्रप्रीत साहनी और कंपनी सचिव ए.जी.एस मणिकांथा शामिल हैं।

Continue Reading

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending