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बिजनेस

इस्पात का उपभोग जुलाई में 3.7 फीसदी बढ़ा

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कोलकाता, 19 अगस्त (आईएएनएस)| देश में इस्पात के उपभोग में साल-दर-साल आधार पर जुलाई में 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल 69.05 लाख टन इस्पात का खपत हुआ, जबकि इस दौरान निर्यात में 64 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस्पात मंत्रालय के नवीनतम रिपोर्ट से शनिवार को यह जानकारी मिली।

मंत्रालय की संयुक्त संयंत्र समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट में कहा गया, जुलाई में इस्पात का कुल उपभोग 69.05 लाख टन हुआ, जोकि जून की तुलना में 4.2 फीसदी कम है, जबकि साल 2016 के जुलाई की तुलना में यह 3.7 फीसदी अधिक है।

देश में अप्रैल-जुलाई की अवधि में तैयार इस्पात का कुल खपत 2.79 करोड़ टन रहा, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4.4 फीसदी अधिक है।

वहीं, अप्रैल-जुलाई अवधि में तैयार इस्पात के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 65.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और कुल 28.07 लाख टन इस्पात का निर्यात किया गया। जुलाई में 7.7 लाख टन टन इस्पात का निर्यात किया गया, जोकि जून की तुलना में 19 फीसदी अधिक है और एक साल पहले के समान माह की तुलना में 64 फीसदी अधिक है।

हालांकि कुल तैयार इस्पात के आयात में चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और कुल 25.05 लाख टन तैयार इस्पात का निर्यात किया गया।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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