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उद्योगपतियों से मिले पीएम, जोखिम लेने और निवेश तेज करने का आह्वान

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों, कारोबारियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मंगलवार को एक बैठक की और वैश्विक आर्थिक स्थिति तथा उसमें भारत के लिए लाभ उठाने के मौकों पर विचार-विमर्श किया। भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष सुमित मजुमदार ने यहां बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “बैठक में आम राय यह रही कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर धीमी है, लेकिन भारत सात फीसदी की दर से विकास कर रहा है और किस तरह से हम इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत है, इसलिए चीन के घटनाक्रमों का हम पर असर नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में उद्योग को कुछ जोखिम लेने के लिए भी आगे आना चाहिए।” बैठक में हिस्सा लेने वाले मंत्रियों में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, रेलमंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और केंद्रीय कोयला, बिजली तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल शामिल थे।

‘हालिया वैश्विक घटनाक्रम : भारत के लिए अवसर’ विषय पर आयोजित बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम और आयोग के सदस्य विवेक देबराय भी शामिल थे। उद्योग संघ एसोचैम ने प्रधानमंत्री से कहा कि नीति निर्माताओं को आनन-फानन में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से देश को बचाने के उपाय कर लेने चाहिए और संघ ने रिजर्व बैंक से दर घटाने तथा चीन से इस्पात जैसे उत्पादों की डंपिंग रोकने के लिए शुल्क बढ़ाने की मांग की।

एसोचैम ने मोदी को 12 सिफारिशें की। संघ ने कहा, “वैश्विक घटनाक्रमों से आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी है। चीन की विकास दर में बदलाव, कमोडिटी मूल्यों में गिरावट, पूंजी का देश से बाहर निकलना जैसे कारणों से निकट भविष्य के लिए जोखिम बढ़ा है।” चैंबर ने कहा कि आरबीआई को मार्च तक 1.25 फीसदी तक दर घटानी चाहिए। इस बैठक में आठ अर्थशास्त्री, 14 औद्योगिक प्रतिनिधि भी शामिल थे। इसमें भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुं धति भट्टाचार्य, आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर, आईडीएफसी के राजीव लाल और बंधन बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रशेखर घोष भी शामिल थे।

प्रमुख उद्योगपतियों में मुख्य रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री, विप्रो अध्यक्ष अजीम प्रेमजी, सन फार्मा अध्यक्ष दिलीप संघवी, आईटीसी के वाई.सी. देवेश्वर और आईएलएंडएफएस के अध्यक्ष रवि पार्थसारथी भी शामिल थे।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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