प्रादेशिक
उप्र : जगेंद्र हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग
लखनऊ । आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के गांव खुटार जाकर उनके परिवार वालों से मिले। उन्होंने मौजूदा हिालात की विवेचना की और पारिवार की सुरक्षा के बारे में जानकारी ली। उन्होंने असंतोष जाहिर किया और सीबीआई जांच सहित समुचित मुआवजे की मांग की। इन दोनों ने शाहजहांपुर में घटनास्थल पर जाकर आसपास के लोगों से बात की और यह निष्कर्ष निकाला कि पत्रकार के बदन में आग पुलिस के अंदर घुसने के बाद लगी।
लोगों ने उन्हें यह भी बताया कि जिस मुकदमे में जगेंद्र के खिलाफ पुलिस दबिश में गई थी, वह पूरी तरह झूठा था। इसके बाद इन दोनों ने शाहजहांपुर की जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना से एक बार खुटार जाकर परिजनों से मिल लेने का निवेदन किया तो उन्होंने कहा कि एसडीएम मौके पर गए थे, उनका जाना ही काफी है। शुभ्रा ने कहा, “यह विवादित मामला है, इसमें दो तरह की बातें कही जा रही हैं और यदि मौके पर गई तो मैं भी विवाद में फंस जाऊंगी।” मुआवजे के बारे में भी उन्होंने परिवार को कोई संतोषजनक आश्वासन नहीं दिया। वहीं नूतन ठाकुर ने कहा कि डीएम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और प्रशासनिक निर्ममता का सबूत है।
गौरतलब है कि शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह के घर एक जून को दोपहर करीब तीन बजे कोतवाली के निवर्तमान प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रकाश राय, दो दारोगा और चार सिपाहियों ने दबिश दी थी। बंद कमरे में क्या हुआ, कोई जान न पाया, लेकिन पुलिस बल के जाते ही जगेंद्र गंभीर रूप से झुलसे हुए पाए गए। जगेंद्र के शरीर का 65 फीसद हिस्सा झुलस गया था। परिवार के लोग उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले गए, जहां मजिस्ट्रेटी बयान (अंतिम) में जगेंद्र ने कहा था, “राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने उन पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा फूंकने का प्रयास किया।” लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती जगेंद्र की कुछ घंटों बाद मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।
दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।
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